पटना में इलाज के क्रम में हुए दिवंगत , जमुई में शोक की लहर।
जमुई | जमुई नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत बिहारी मोहल्ला निवासी सह जमुई न्याय मंडल के प्रथम प्रभारी लोक अभियोजक एवं स्थानीय व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठतम विद्वान अधिवक्ता राम लखन तिवारी का गुरुवार की सुबह में चिकित्सा के क्रम में निधन हो गया। उन्हाेंने पटना स्थित आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे। श्री तिवारी करीब 78 साल के थे। वे अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी दो पुत्र एक पुत्री समेत भरापुरा परिवार छोड़ गए हैं।
उनके निधन से जमुई न्याय मंडल समेत सम्पूर्ण जिला मर्माहत है श्री तिवारी अपने परिवार के खास सिपहसालार थे। उनका जीवन उतार-चढ़ाव से भरा रहा।वे जमुई जिला विधिज्ञ संघ में सन 1972 में पंजीकृत हुए। उन्होंने न्यायालय में नियमित ढंग से सन 1975 से विधिक सेवा आरंभ किया जो मृत्युपर्यंत तक जारी रहा। 1991 में जमुई न्याय मंडल के प्रथम प्रभारी लोक अभियोजक बने और कालक्रम में भारतीय रेल के पैनल अधिवक्ता भी रहे।
करीब 50 साल की प्रैक्टिस में उन्होंने कोर्ट में भारी संख्या में वादियों के मामलों की पैरवी की और उन्हें न्याय भी दिलाया। श्री तिवारी को राजनीति में भी खास रुचि थी। जमुई के ओहदेदार राज नेताओं से उनका विशेष लगाव था। वे सबों के दिलों में बसते थे। शौकीन मिजाज के इंसान श्री तिवारी की पहचान हंसमुख चेहरा मृदु व्यवहार गिलौरी चबाना आकर्षक पहनावा और रिक्शा की सवारी करना था। नवागत अधिवक्ताओं का मनोबल बढ़ाना उनकी नियति थी।
अंकित करने वाली बात है कि राम लखन तिवारी साक्षात देव स्वरूप थे। उन्होंने सूझ-बूझ वाले इंसान का परिचय देते हुए परिवार के साथ समाज को सजाने-संवारने में अहम भूमिका निभाई। इनके बड़े पुत्र राजेश तिवारी जहां पटना में पुलिस निरीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं वहीं छोटे पुत्र प्रशांत तिवारी भी पटना में ही प्रतिष्ठित बैंक आईसीआईसीआई में सेवारत हैं। दिवंगत श्री तिवारी का परिवार जमुई जिला में नामी- गिरामी परिवार के रूप में अंकित किया जाता है। उनके निधन से जमुई के एक शख्सियत का अंत हो गया।