रांची | गणगौर महोत्सव राजस्थानी समाज में बहुत ही बड़े स्तर पर मनाया जाता है या पूजा होली के दूसरे दिन से शुरू होकर 16 दिनों तक लगातार पूजन होने के बाद आज सभी विसर्जित करते हैं इस पूजन का विशेष महत्व नव विवाहित जोड़ों के लिए होता है या पूजा भगवान शिव एवं माता पार्वती सोलह सिंगार घर परिवार सखी सहेली के साथ गणगौर की पूजा गीत और बनोरा के साथ अपनी पारंपरिक रीति रिवाज निभाते हैं। होलिका दहन के पश्चात वहां से लाई गई राख से पिंडी बनाकर 8 दिनों तक उसकी पूजा होती है आठ दिनों के पश्चात बांसवाड़ा के बाद गणगौर लाकर 8 दिनों तक उसका पूजन किया जाता है। रांची में विशेष रूप से महेश्वरी भवन के सामने गणगौर मेला एवं डोरंडा में बटन तलाव में महिलाएं इसे विसर्जित करती हैं।नव विवाहित जोड़ा इस वर्ष गणगौर पूजा करते हुए अभिजीत राठी एवं वैभवी राठी।