धनबाद | साइकिल पर 200-200 किलो कोयला लेकर रोज़ 30-40 किलोमीटर चलने वाले इन युवाओं की आय नाम मात्र है।
बिना इनके साथ चले, इनके भार को महसूस किए, इनकी समस्याओं को नहीं समझा जा सकता।
इन युवा श्रमिकों की जीवनगाड़ी धीमी पड़ी, तो भारत निर्माण का पहिया भी थम जाएगा।
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