रांची/नई दिल्ली | अक्षय ऊर्जा भविष्य में ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत माना जा रहा है। अक्षय ऊर्जा पूरी तरह से पर्यावरण अनुकूल और सुगम होता है। झारखण्ड प्रदेश में सरकार द्वारा इस स्रोत को बढ़ावा देने के लिए झारखण्ड रिन्यूअल एनेर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ज्रेडा) का गठन किया गया है।
जिसकी क्रिया विधि प्रगति मैदान में चल रहे विश्व व्यापार मेले में प्रदर्शित की गई है। मेले में आने वाले लोग (ज्रेडा) की स्टाल पर इसकी सम्पूर्ण जानकारी ले रहे हैं।
(ज्रेडा) स्टाल के रौशन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया की झारखण्ड सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने कि दृष्टि से कई महत्वपूर्ण प्रयास किये हैं। जिसमे ग्रीड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट 48 मेगा वाट तक सफल हो चुका है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत 13000 सोलर वाटर पंप, 600 हाई मास्क लाइट, 11000 स्ट्रीट लाइट, तीन लाख लीटर हॉट वाटर सिस्टम, अलग अलग एयरपोर्ट पर 2.5 मेगा वाट सोलर प्लांट की स्थापना और झारखंड हाई कोर्ट में 2 मेगा वाट का संयंत्र लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया की ज्रेडा अक्षय ऊर्जा का 1.7 मेगा वाट सोलर मिनी ग्रिड प्लांट स्थापित कर 58 विलेज (गांव) को बिजली मुहैया कराई जा रही है।