हिन्दी को राष्ट्रभाषा नहीं बन पाने का मुख्य कारण राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव रहा है

हिन्दी भाषी लोगों ने भी इसके लिए ईमानदार प्रयास नहीं किया।

बिहार औरंगाबाद से धर्मेन्द्र गुप्ता | जनेश्वर विकास केंद्र द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह समारोह का अंतिम दिन हिंदी दिवस 14 सितंबर को हिंदी दिवस समारोह संस्कृत महाविद्यालय मेआयोजित किया गया ।समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि चपरा धाम संस्थापक अशोक कुमार सिंह संपादक डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा विष्णु धाम महोत्सव के अध्यक्ष अजीत कुमार सिंहकवि रामकिशोर सिंह सिंह कॉलेज भूगोल के विभाग अध्यक्ष डॉ राम आधार सिंह प्राचार्य संस्कृत महाविद्यालय के सुरजपत सिंह जनेश्वर विकास केंद्र के अध्यक्ष रामजी सिंह साहित्य संवाद के अध्यक्ष लालदेव प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। तत्पश्चात इस अवसर ‘हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने में हिन्दी प्रेमियों की भूमिका ‘ बिषय पर एक संगोष्ठी चपरा धाम के संस्थापक अशोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई ।जनेश्वर विकास केंद्र के सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने संगोष्ठी का विषय प्रवेश कराते हुए बताया कि हिंदी राष्ट्रभाषा बनने कि सभी शर्तें पुरा करता है । यह बहुसंख्यक द्बारा बोले जाने वाली भाषा है । इस भाषा को संवैधानिक मान्यता भी प्राप्त है , हिन्दी सरल और सुलभ भाषा भी है तथा इस भाषा में अधिकांश पत्र पत्रिकाएं छपतीं हैं । इसके बावजूद यह भाषा राष्ट्रभाषा नहीं बन पाया है । नहीं बनने का स्पष्टत दो कारण नजर आता है । पहला हिन्दी भाषी लोग इसके लिए ईमानदार प्रयास नहीं किया तथा दुसरा सरकार और राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव रहा है ।इसके बाद मूल्य अतिथि डा सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा, अजीत कुमार सिंह, सुरजपत सिंह , रामकिशोर सिंह , रामाधार सिंह , विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह आदि ने हिन्दी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिंदी जोड़ने वाली भाषा है। इस भाषा में अनुशासन ,सभ्यता और संस्कृति कि झलक झलकती है सबसे बड़ी बात है कि यह हमारी मातृभाषा है और यह भाषा राष्ट्रभाषा बनने की सभी शर्तें पुरा करता है । इसलिए इसके लिए राजनैतिक दबाव बनाने हेतु देश के सभी सांसदों से मिलकर इस बात को संसद में उठाने का आग्रह किया जाये । पुर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह , सुमन अग्रवाल, रेडक्रास के पूर्व सचिव मनोज कुमार सिंह , पत्रकार राजेन्द्र पाठक प्रो राजेन्द्र प्रसाद, साक्षरता कर्मी तुलसी सिंह वीरेंद्र कुमार सिंह , भाजपा नेता बिनोद सिंह , पूर्व मुखिया अशोक कुमार सिंह ने भी हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने पर बल दिया । सचिव विद्यार्थी जी ने प्रस्ताव रखा कि आगामी लोकसभा चुनाव में सभी उम्मीदवारों से हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने हेतु लोकसभा में आवाज उठाने का लिखित आश्वासन लें तथा लिखित आश्वासन देने वालों को ही उचित और सही उम्मीदवार माना जाये । उक्त प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया। उसके बाद हिन्दी सेवी यादव कालेज के पुर्व हिंदी प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद को अंग वस्त्र और माला देकर सम्मानित किया गया।संगोष्ठी में सैनिक संघ के जेपी सिंह , जितेन्द्र सिंह , शिवशंकर सिंह , जनेश्वर यादव ,डा महेंद्र , इंजीनियर धीरेंद्र सिंह , समाजसेवी प्रमोद सिंह पुलिस पदाधिकारी सिंहेंश्वर सिंह , मुरलीधर पांडे, शिक्षक नेता रामभजन सिंह आदि थे।

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