बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कृष्ण का पृथ्वी पर अवतरण हुआ – डा प्रेम कुमार

गया।प्रतिनिधि धीरज गुप्ता।

गया। कृष्ण जन्माष्टमी/गोकुलाष्टमी/जन्माष्टमी तीनों नाम से जाना जाने वाला पर भगवान कृष्ण का जन्म प्रतिवर्ष मनाया जाता है। यह सनातन धर्म के मानने वालों का प्रसिद्ध त्योहार में से एक त्यौहार है।भगवान विष्णु जी के 10 अवतारों में से आठवें अवतार और कुल 24 अवतारों में से 22 वें अवतार के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म भादो मास के कृष्ण पक्ष के अष्टमी को कारागृह में आज के ही दिन हुआ था।कृष्ण, देवकी और वासुदेव के पुत्र थे। लालन पालन माता यशोदा और नंद बाबा के घर हुआ। इसीलिए भगवान कृष्ण चंद्रवंशी कुल में जन्म लेकर यदुवंशी कुल में पले बढ़े। दोनों कुलों का प्रतिनिधित्व किया।बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए कृष्ण का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था। भगवान कृष्ण जन्म के बाद से ही दुष्टों का नाश और धर्म के राज्य की स्थापना में लग गए थे। बचपन से लेकर के जब तक जीवित रहे उनका जीवन संघर्ष में और धर्म के लिए समर्पित रहा। उन्होंने धर्म का सदा साथ दिया है।
मामा कंस,पूतना राक्षसी ,कालिया नाग सहित कितने राक्षसों का नाश उन्होंने बचपन में ही किया। इंद्र के प्रकोप से गोकुल को बचाने के लिए उंगली पर गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। गायों से उन्हें इतना प्रेम था की वह ग्वाला भी बन गए। अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध उन्होंने किया था।महाभारत में न्याय और धर्म की स्थापना के लिए पांडवों का साथ देकर धर्म राज्य की स्थापना कराई। महाभारत युद्ध के मैदान में उन्होंने अर्जुन को गीता का उपदेश दे मोह भंग किया।शरीर नश्वर है,आत्मा अजर अमर है। ना कुछ लेकर के हम आए हैं और ना कुछ लेकर हम जाएंगे। तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो। कर्म का फल इंसान को भोगना ही पड़ता है। योग और कर्म की उपासना करने का उपदेश गीता में दिया।बचपन में गोपियों संग रासलीलाएं भी इन्होंने की। सुदामा से गहरी मित्रता का आदर्श उन्होंने स्थापित किया है। लोग आज भी कृष्ण सुदामा की दोस्ती का उदाहरण देते हैं। कृष्ण के कहे हुए वचनों पर हमें चलना चाहिए ना कि उनके द्वारा किए हुए सभी कार्यों पर। नहीं तो लेने के देने भी पर सकते हैं। क्योंकि उनका जन्म अष्टमी को हुआ था। भगवान राम नवमी को जन्म लिए और नौ का अंक पूर्ण होता है। ना घटना है ना बढ़ता है। इसलिए राम के आचरण और वचन दोनों का अनुसरण करना चाहिए, पर कृष्ण जी के सिर्फ वचनों का अनुसरण करना चाहिए। उनके उपदेश गीता का आत्मसात करने वाले जीवन में सफल होते हैं।आज हमें उनके बताए आदर्शो पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। आज के समाज के लिए बहुत जरूरी है। आज जन्माष्टमी पर्व पूरे देश सहित विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। आप सभी को इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। आपके जीवन में सुख, शांति एवं समृद्धि आए यही कामना है। जय जय बांके बिहारी।

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