कहा- विधेयक लौटाने में संविधान के नियम का ध्यान नहीं रखा गया
रांची | सत्तापक्ष के शीर्ष नेताओं को आज राजपाल ने का समय नही दिया ।इस व्यवधान के कारण सत्तापक्ष के लोगो में आक्रोश व्याप्त किया है। सत्तापक्ष के नेताओं ने यह खुला आरोप लगाया है कि राजभवन राजनीति का केन्द्र बन गया है तथा एक सुनियोजित षडयंत्र के तहत एक खास राजनीतिक दल के ईशारे पर कार्य कर रहा है।
झारखंड राज्य समन्वय समिति के सदस्य आज राजभवन गये थे। इस दौरान सदस्यों ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के नाम एक ज्ञापन राजभवन के मुख्यद्वार पर तैनात सुरक्षाबल के जवान को रिसीव करा दिया है। समन्वय समिति की ओर से विनोद कुमार पांडे, राजेश ठाकुर, बंधु तिर्की, फागू बेसरा और योगेंद्र प्रसाद उपस्थित थे। सौंपे गए ज्ञापन में समन्वय समिति की ओर से राजभवन को बताया गया कि विधेयक लौटाने में संविधान की अनदेखी हुई है। ज्ञापन में लिखा है कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने एक लम्बी लड़ाई लड़ी, जिसके नतीजा है कि झारखंड अलग राज्य बना। जब से हेमंत सोरेन सरकार सत्ता में आई है तब से ही आदिवासी, दलित, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यकके हितों में विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है।नेताओं का यह आरोप लगाया गया है कि जब से झारखंड में महागठबंधन की सरकार का गठन किया गया है ,एन डी ए एक षडयंत्र के तहत सरकार को गिराने का काम कर रही उसी प्रकार राजभवन सरकार को न्यायोचित विकास कार्य समेत कई मुद्दे पर असहयोग कर रही ।