भौरा, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन(सीटू) कार्यालय में मनाया गया शहिद खुदीराम बोस की शहादत दिवस

धनबाद।झरिया,असलम,अंसारी।
शहिद खुदीराम बोस की शहादत दिवस भौरा, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन(सीटू) कार्यालय में मनाया गया। सर्वप्रथम उनके सीसीतस्वीर पर माला अर्पण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोतीलाल हेंब्रम ने की।
संबोधन में शिव बालक पासवान ने कहा कि खुदीराम बोस आज युवा लोगों की प्रेरणा के लिए स्रोत, हैं जो कि देश की आजादी के लिए सबसे कम उम्र में मात्र 18 साल की उम्र में उन्हें फांसी पर चढ़ाया गया था। आज की युवा धार्मिक और संप्रदायिक ध्रुवीकरण के जाल में फस गई है। जो कि देश की आजादी के लिए जिन लोगों ने कोई कुर्बानी नहीं दि है।
कुछ लोग अंग्रेजों की सिफारिश और दलाली कर रहे थे वह नहीं चाहते थे कि देश आजाद हो, ऐसी ताकत आज जो आर एस एस के गर्भ से पैदा हुई भारतीय जनता पार्टी का सत्ता पर कब्जा है और देश की तमाम संसाधनों को बेचकर तथा महंगाई बेरोजगारी तमाम सुविधाओं से महरूम करके मात्र धार्मिक उन्माद पैदा कर देश में जहर घोला जा रहा है। हमारी आजादी की गंगा जमुना तहजीब को नकरने की कोशिश कि जा रही है। हमारे देश में हिंदू मुसलमान सबसे बड़ा खतरा नहीं। खतरा है हमारे भारतीय संविधान को जिस संविधान से देश के तमाम लोगों को समानता, स्वतंत्रता बंधुत्व का अधिकार दिया गया। उन अधिकारों से वंचित कर, यह फासिस्ट के देश को आर्थिक गुलामी बदहाली भुखमरी के दलदल में झोंकने की पूरी कोशिश कि जा रही है। इस कोशिश को बेनकाब करने के लिए देश के किसान, मजदूर, नौजवान, महिला,बुद्धिजीवी,कलाकार तमाम लोगों को एकजुट होकर इसका मुकाबला करने की जरूरत है एनडीए की सरकार की समझ है की 2024 में धार्मिक और सांप्रदायिक जहर घोलकर समाज को बांटकर सत्ता में स्थापित करने की जो कामना है।उसे देश की जनता नकारेगी ही नहीं बल्कि सत्ता से उखाड़ कर फेंकने का काम किया जाएगा माननीय नरेंद्र मोदी जी इतिहास पढ़िए मोसोलिन के साथ जो हुआ और हिटलर का इतिहास आप अच्छी तरह जानते हैं आने वाले इतिहास में लिखा जाएगा की एक व्यक्ति ने पूरे देश को तहस-नहस जर्मनी जैसा करने की साजिश किया था जिसका जनता ने मुंह तोड़ जवाब दिया।
माननीय भाजपा सांसद निशिकांत दुबे जी आप उस पार्टी पर देशद्रोह का आरोप लोकसभा में लगा रहे हैं जिसका भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के निर्माता पहला पोलितब्यूरो सदस्य सभी ने मिलकर आजादी के आंदोलन में कई कई वर्षों जेलों में बिताए ।आपकी वंशजों ने जो राष्ट्रीय आंदोलन में रति भर भी काम नहीं किया। इसलिए लड़ेंगे और देश जीतेगा और फास्टेस्ट ताकत हारेगा।
कार्यक्रम में मोतीलाल हेंब्रकेम, रंजीत कुमार यादव, प्रदीप कुमार भट्टाचार्य, मोतीलाल मुर्मू, जन किशोर ठाकुर ,सुरेश प्रसाद ,काशी रजवार, सहदेव मांझी, देशा सोरने, नुनु लाल पासवान, गुड्डू बारी, सोनू हेंब्रम ,कन्हैया महतो, भीम हांदसा गौतम पत्र अन्य लोग शामिल थे।

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