बगावत तेरा हीं नाम बिहार है – अटल

गया।अटल बिहारी वाजपेयी जी ने जेपी आंदोलन के समय 1974 में भभुआ शहर के टाउन हाईस्कूल परिसर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि “बगावत तेरा हीं नाम बिहार है।।
बिहार जो धनानंद के विरुद्ध भी बगावत किया एंव अंग्रेजों के विरुद्ध भी बगावत का अगुआई किया और आपतकाल के समय भी, तो अटल जी कहना बिल्कुल सत्य है बिहार के लाल स्वभाव से बगावती होते है और अन्याय के विरुद्ध मुखर होते है। यह सौभाग्य रहा बिहार की उर्वरा माटी का जिसमें हम सभी पले और बढे है।
वो बिहार हीं था जिसने अपने पुरुषार्थ पर मगध साम्राज्य खङा किया और भारतवर्ष को एकसूत्र में बांधने का काम किया।किंतु कुछ कालखंडो में अन्यायी और व्यभिचारीयों ने षडयंत्र के साथ यहाँ के बगावती स्वाभाव को बदलने का काम किया है। जात-पात, उंच-नीच भेदभाव के नाम पर राजनीति कर ऐसे पयदान पर ला कर खङा कर दिया जहाँ से बगावत का मसाल हीं न जल सके।।
जिसे बङे तरिके से सोशल इंजीनियरिंग का नाम दिया गया है किंतु जब इसे जबरदस्त तरीके से समझने कि कोशिश करेंगे तो इसमें किसी समाज के विकास से नाता हीं नही बल्कि वोट नीति दिखेगी और यह वह हथकंडा जिससे बगावती तेवर को कुचल दिया गया है।
चाहे बङे से बङा क्राईम हो जाए या बङे से बङा घोटाला अखबार कि सुर्खियां भी ढंग से नही बन पाती है बगावत तो दूर की बात ।।
सत्ता परिवर्तन जरुर होता है किंतु सत्ता के लोग नही बदलते है वो इसलिए कि इसके बगैर किसी कि भी सत्ता चल ही नही सकती ।।
किंतु मसाल को बुझाया गया है कही राख के दबे चिंगारी को कभी हवा मिल गई तो फिर वही बगावती तेवर के साथ सामना करेगा अन्याय और व्यभिचारीयों के खिलाफ अपना बिहार। वही बगावती अंदाज में जो कभी घनानंद तो कभी अंग्रेजी हुकूमत और कभी आपातकाल के कालखंड में हुआ था। बिहार के धैर्य-धीरज का इम्तिहान लेना मंहगा पङेगा ऐसे अन्यायी और व्याभिचारी का और जब हम उसी बगावती तेवर के साथ आगाज करेंगे तो इन सब का समूल नाश-विनाश हो जाएगा।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *