जन आंदोलन रोकने का प्रयास गलत


भुली। धनबाद में बहुप्रतीक्षित आठ लेन सड़क कांको मठ से गोल बिल्डिंग तक निर्माण कार्य 85 फीसदी से ज्यादा हो चुका है। माना जा रहा था कि सड़क बनने से लोगों को आवागमन में आसानी होगी। लेकिन जैसे जैसे सड़क ने आकार ली लोगों को समस्या का भान होने लगा। भुली से होकर गुजरने वाली आठ लेन सड़क यहां के जन जीवन को प्रभावित करने वाला है। आठ लेन सड़क निर्माण में भुली झारखन्ड मोड के पास जंक्शन नही देने से आने वाले समय मे लोगों को फजीहत का सामना करना पड़ेगा। इसके दायरे में हाट बाजार से लेकर स्कूल के बच्चे भी प्रभावित होंगे।
आठ लेन सड़क में भुली के पास जंक्शन की मांग नारी शक्ति जन सुविधा केन्द्र की अध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने भी उठाया । नागरिक संघर्ष मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ बालेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने जंक्शन की मांग करते हुए झारखंड मोड में एक दिवसीय धरना देने की घोषणा की। ताकि आठ लेन सड़क में लोगों की समस्या को कम किया जा सके। डॉ बालेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि कैसे आम जन जीवन को परेशानी होगी और स्कूली बच्चे प्रभावित होंगे। 10 से 15 किलोमीटर की दूरी बढ़ जाएगी। 24 अप्रैल को झारखंड मोड में जंक्शन की मांग को लेकर धरना आहूत की गई है।
वहीं नागरिक संघर्ष मोर्चा के धरना को रोकने के लिए प्रशासन नही बल्कि सामाजिक संस्था नव संकल्प मंच के संरक्षक श झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता दबाब बना रहे हैं कि धरना कैसे दे सकते हैं हमलोगों से पहले इजाजत क्यों नही लिया।
इस मुद्दे पर धनबाद जिला महिला कांग्रेस कमिटि की जिलाध्यक्ष सीता राणा ने बताया कि जन आंदोलन को दबाब देकर रोकना आम जन मानस की भावना को आहत करने जैसा है। नागरिक संघर्ष मोर्चा अगर जन आंदोलन कर रही है उनकी अपनी मांग है, लोकतंत्र में अपनी बातों को रखने के लिए धरना देना एक रास्ता है। कोई उत्पात नही मचाया जा रहा तो ऐसी स्थिति में नव संकल्प मंच के संरक्षक को दबाब बनाने की कोशिश गलत है। सभी संगठनों को एक मंच पर आकर इस समस्या के निदान को लेकर आंदोलन करना चाहिए। यह जन मानस की सुविधा व अधिकार की बात है तानाशाही रवैया उचित नही है।

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