लेनिन की 153 वां जयंती धूमधाम से मनाई गई


प्रतिनिधि – तरुण चंद्र राय

धनबाद। धनबाद के अग्रसेन भवन में मार्क्सवादी समन्वय समिति की स्थापना दिवस के साथ कामरेड व्लादिमीर लेनिन की 153 वां जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सुरुवात झंडा फहराने के साथ किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो ने की।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए केंद्रीय महामंत्री हलधर महतो ने कहा कि मासस की स्थापना ही अनवरत संघर्ष के साथ हुई। जिसे प्रखर मार्क्सवादी विचारधारा के पुरोधा कामरेड ए के राय ने धनबाद में किया।
केंद्रीय सचिव हरिप्रसाद पप्पू ने कहा कि मार्क्सवाद का प्रयोग लेनिन नर करके समाजवाद का ठोस आधार रखा।
अध्यक्षता करते हुए आनंद महतो ने कहा कि मार्क्स के विचारधारा से प्रेरित होकर सर्वहारा तानाशाही के पुरजोर समर्थक लेनिन ने मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ी। आज जिस लेनिनवाद की चर्चा होती है वस्तुतः लेनिन ने कोई यहॉ सिद्धान्त नही दिया था। 1924 के बाद लेनिन ने जिस समाजवाद को लेकर सर्वहारा वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी उसे विश्लेषकों ने लेनिनवाद का सिद्धांत बताया जो आज भी कारगर है। पूंजीवाद से लड़ाई और सर्वहारा वर्ग की लड़ाई व बुर्जुआ वर्ग के बीच खाई से उत्पन्न स्थिति से हमे आज भी लड़ना है और इस लड़ाई में मार्क्स व खास कर लेनिन के विचारों को अपनाने की जरूरत है।


संदीप कौशल ने मासस के स्थापना दिवस व व्लादिमीर लेनिन के जयंती अवसर पर कहा कि आज जब पूंजीपतियों के हाथों सरकारी उपक्रम बेचे जा रहे, मजदूरों की समस्या बढ़ रही , और समाज मे सर्वहारा वर्ग व बुर्जुआ वर्ग के बीच जो खाई है उसे पाटने के लिए समाजवाद की विचारधारा से ही सम्भव है और समाजवाद की जिस विचारधारा पर कभी मार्क्स ने पहल की और व्लादिमीर लेनिन ने जिसे आगे बढ़ाया उसे आगे ले जाने व कार्यरूप में लाने की जरूरत है।
सेमिनार में बिन्दा पासवान, अगम राम, पार्वती चक्रवर्ती, हीरालाल महतो, देवाशीष पांडेय, काशीनाथ मंडल, संतोष रवानी, मुरारी महतो, मनीष यादव, भूषण महतो, राम प्रकाश महतो, सत्यनारायण सिंह, मंटू महतो, भगत राम महतो, शिव बालक पासवान, भगवान पासवान आदि मौजूद थे।

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