धनबाद / कतरास। चेत त्रयोदशी कृष्णा पक्ष को त्रेता युग से ही दामोदर स्नान का विशेष महत्व है। दामोदर बचाओ अभियान के कार्यक्रता जनार्दन महतो ने कहा कि उक्त तिथि को पुरुषोत्तम राम माता सीता भाई लक्ष्मण वन वास के समय रात्रि विश्राम कर त्रयोदशी के दिन दामोदर स्नान के बाद भगवान शिव की पुजा करने के बाद आगे प्रस्थान किये थे,उस दिन से उक्त तिथि को नागदा घाट पर बारुणी मेला लगता है । नदी के किनारे चट्टानो पर पैरो के निशान आज भी है ।
हालांकि कोविड के चलते थोड़ा भिड़ कम देखी गई फिर भी काफ़ी संख्या में श्रधालु आये थे ।दामोदर स्नान के बाद नदी किनारे आंकीत निशानो पर पुजा किया गया । धनबाद,बोकारो जिला के अलावा अन्य जिलो से लोग आये हुए थे ।
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