भूली : महर्षि मेंही सत्संग आश्रम शिवपुरी भूली में धनबाद जिला सन्तमत सत्संग का दो दिवसीय 25 वां वार्षिक अधिवेशन बुधवार को सम्पन्न हुआ। अधिवेशन के दूसरे दिन सत्संग महिमा एवं कर्म सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए पूज्यपाद स्वामी प्रमोद जी महाराज ने कहा कि शरीर नश्वर है एक दिन शरीर नष्ट हो जाएगा। आपके सतकर्म ही आपको जिंदा रखेगा। आज समाज मे असुरी भोजन के कारण मनुष्य के विचार व कर्म घट रहे हैं। सात्विक भोजन आपके विचारों को शुद्ध कर देता है।
स्वामी विवेकानंद बाबा ने अपने श्रीमुख से कहा कि मानव जीवन सतकर्म पर टिका हुआ है। जीवन मे सतकर्म से पुण्य के भागी बनते हैं। आपके पुण्यकर्म ही आपको मोक्षदायिनी होता है।
स्वामी निर्लमलानंद बाबा ने अपने संबोधन में कहा कि पापकर्म से आपको सुख मिल सकता है लेकिन शांति नही मिलेगी। अधम कर्म आपको शांति नही देता इसलिए झूठ, चोरी, व्यसन, से दूर रहना चाहिए। अधम प्रवृति मानव जीवन के मोक्ष में सबसे बड़ी बाधा है।
स्वामी परमानन्द बाबा ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन अनमोल है इसे श्री चरणों मे समर्पित कर दो। पाप के पथ का त्याग करो और धर्म कार्य मे अपने आप को समर्पण कर दो। जितना सुख के पीछे दौड़ोगे दुःख तुम्हारे पास आएगा। मोह का त्याग करो। मानव जीवन मे श्री गुरुदेव के वाणी का आत्मसात करो जीवन का आनंद यहीं प्राप्त होगा।
स्वामी सकालानंद बाबा ने कहा की मानव कल्याण का सर्वोच्च साधन सत्संग है। आत्मा उत्थान के लिए भी सत्संग सबसे बड़ा साधन है। सभी मनुष्य को अपने अपने कर्मों का फल भोगना पड़ता है। मनुष्य को सदा सदाचार, शिष्टाचार और सूच्याचार का पालन करते हुए अन्तस्साधना में लीन रहना चाहिए।
इस अवसर पर भंडारा का भी आयोजन किया गया। अधिवेशन में गजानंद अग्रवाल, मनमोहन सिंह, संजीव कुमार घोष, अशोक पंडित, रोहित पंडित, सुदीप सिंह, धनेश्वर रवानी, डीके घोष, सभापति पंडित, विजय प्रसाद वर्मा, अयोध्या वर्णवाल, उषा देवी, बेबी कुमारी, सावित्री देवी, माया देवी, कुंती देवी आदि का सराहनीय योगदान रहा ।