क्षमता वर्धन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी का समापन

बागवानी खेती की आधुनिक तकनीक से रूबरू हुए किसान


गम्हरिया। कृषि विज्ञान केंद्र में ग्रामीण विकास विभाग के झारखण्ड राज्य जलछाजन मिशन के द्वारा क्षमता वर्धन कार्यक्रम के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी का शुक्रवार को समापन हो गया। प्रशिक्षण में कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान अरविन्द मिश्रा ने किसानों के विकास पर बल दिया। मिश्रा ने समेकित कृषि प्रणाली के महत्व को समझाते हुए प्राकृतिक खेती के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसान जीरो बजट आधारित प्राकृतिक खेती कर अपनी आय को दुगुनी कर सकते हैं। कहा कि प्रधानमंत्री का किसानों की आय को दुगनी करने के सपने को पूरा करने का यह एक सशक्त माध्यम है। उसमें समेकित कृषि प्रणाली अहम योगदान निभा सकती है। समेकित कृषि प्रणाली का प्रारूप को अपनाकर किसान अपनी आय को दुगनी कर अपनी जीवन शैली को काफी सुदृढ़ बना सकते है। कहा कि किसानों को बागवानी खेती की आधुनिक तकनीक से रूबरू होना इस प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। इस दौरान सब्जियों की जैविक खेती, रोग एवं कीट प्रबंधन के विषय से भी किसानों को रूबरू कराया गया। प्रशिक्षण में सरायकेला वन प्रमंडल के पदाधिकारी, डाॅ. एस. पी. कुमार, कृषि वैज्ञानिक, अंजलि मिश्रा, रंजन कुमार सिंह, सुशील पूर्ति, देवाशिष दास, सोनाराम, परीक्षित उपस्थित थे।

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