संवाददाता।असलमअंसारी।
धनबाद| अभी सावन का महीना चल रहा है, बारिश का अनुपात अपेक्षाकृत नहीं है फिर भी हम बाद के सड़कों की हालत अभी से ही खराब होने लगी है। सड़कों पर लोगों का चलना दूभर हो गया है। सर्वाधिक परेशानियों का सामना वाहन चालकों को करना पड़ रहा है। सड़क पर गड्ढे और गड्ढोंमें पानी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। दुर्घटना की संभावना लगातार बनी हुई है।
बैंक मोड़ से सिंदरी तक 100 गड्ढे
बैंक मोड़ से (भाया झरिया) सिंदरी तक सड़क पर 100 से अधिक गढ्ढे बन चुके हैं. धोवाटांड़ मोड़ के पास डिवाइडर के दोनों तरफ सड़क टूट चुकी है, सड़क पर महीने भर से मलबे का ढेर है, कामधेनु पेट्रोल पंप के सामने सड़क टूट चुकी है, टाटा शोरूम के सामने 50 मीटर तक टूट चुकी है. एना इस्लामपुर के समीप सड़क 70 मीटर तक पूरी तरह गायब है. बड़े-बड़े गढ़े हैं. एनाकोठी मोड़ के समीप भी सड़क की जगह गढ़े और मिट्टी के टीले बन गए हैं. झरिया कतरास मोड़, पेट्रोल पम्प के सामने भी सड़क की जगह गड्ढों और मिट्टी है. यही हाल झरिया ऊपर कुल्ही से सिंदरी जाने वाले मुख्य मार्ग का है.
बैंक मोड़ से श्रमिक चौक तक एक दर्जन गढ़े
बैंक मोड़ शहर का व्यस्त मार्ग है. झरिया-कतरास, बोकारो, रांची, टाटा के लोगों की इसी मार्ग से आवाजाही होती है. लेकिन, सड़क का हाल ठीक नहीं है. सड़क पर कई जगह दरार बन चुकी है. गढ़े भी हैं . बैंक मोड़ थाना के बाहर महीनों से गढ़ा है, बिरसा चौक के पास गढा है. सड़क टूट चुकी है. रे टाकीज पुल से सुभाष चौक तक सड़क के दोनों छोर पर छोटे-छोटे कई गढ़े हैं . गया पुल के पास भी सड़क टूट चुकी है. श्रमिक चौक के पास गढ्ढे और सड़क महीनों से टूटी है.
सिटी सेंटर से जीटी रोड तक दो दर्जन गढ़े
शहर के सिटी सेंटर से मेमको मोड़ तक सड़क में कई जगह दरार पड़ चुकी है. छोटे-छोटे दर्जनों गढ़े भी उभर आए हैं. रानीबांध तालाब, हंस विहार कॉलोनी, प्रभातम मॉल के पास जल जमाव की समस्या है. राहगीरों के साथ-साथ आसपास की कॉलोनी के लोगों को परेशानी होती है. सिर्फ गढ़ों की बात करे तो सीएमआर आई गेट से मेमको मोड़ तक दो दर्जन छोटे-छोटे गड्ढे बन चुके है. रात के अंधेरे में वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है.
हीरापुर-दामोदरपुर सड़क का बुरा हाल
शहर को गांव से जोड़ने वाली हीरापुर-दामोदरपुर सड़क का सबसे बुरा हाल है. जगह-जगह गड्ढे हैं . हल्की बारिश में ये पानी से भर जाते हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी होती है. दुर्घटनाएं आम हैं. इस सड़क का पार्क मार्केट पानी टंकी से लॉ कॉलेज मोड़ तक का हिस्सा निगम क्षेत्र में आता है. जबकि लॉ कॉलेज मोड़ से कर्माटांड़ तक का हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र में आता है. नगर निगम ने अपने क्षेत्र के सड़क निर्माण का टेंडर करवाया है. 1.32 करोड़ रुपए की लागत से चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है. लेकिन लॉ कॉलेज मोड़ से कर्माटांड़ तक के सड़क का हिस्सा खस्ताहाल है.
चिठ्ठी लिख दिए हैं, आदेश आएगा तो मरम्मत होगा
सभी रोड हमलोग नहीं बनाते हैं. साज और एनएच के द्वारा भी बनाए जाते हैं. सड़क का काम करने वाली एजेंसी के साथ तीन साल का करार होता है, वही मरम्मत का काम करती है. करार खत्म होने पर मरम्मत के लिए विभाग को चिठ्ठी लिखते हैं. चिठ्ठी भेज चुके हैं, जब वहां से आदेश आएगा, तो मरम्मत भी होगा. हर साल सड़क टूटती है, कितने का हिसाब दे- दिनेश प्रसाद, आरसीडी, रोड डिवीजन के कार्यपालक अभियंता