आय से अधिक संपत्ति मामले में बंधु तिर्की को तीन साल की सज

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रांची/ आय से अधिक संपत्ति मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने बंधु तिर्की को दोषी करार दिया. कोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनायी है. इसके साथ ही 3 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माने की रकम अदा न करने पर 6 माह अतिरिक्त सजा काटनी होगी. इसके साथ ही उनकी विधायकी चली गयी है. विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया. इसके पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. बंधु तिर्की पर छह लाख 28 हजार आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था. जिस पर सीबीआइ की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया.

छह लाख 28 हजार संपत्ति का है मामला
श्री तिर्की पर आय से अधिक छह लाख 28 हजार संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. मामले मे सीबीआइ ने जांच की. जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया. हालांकि हाइकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बंधु तिर्की को जमानत भी मिली थी. साल 2005 से 2009 तक बंधु तिर्की झारखंड में मंत्री पद पर रहे. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला इसी वक्त का है.

2010 में हुई प्राथमिकी दर्ज
सीबीआइ ने बंधु तिर्की के खिलाफ 11 अगस्त 2010 को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले में सीबीआइ की ओर से 2013 में चार्जशीट दाखिल की गयी. इसके बाद सीबीआइ ने मई 2013 में अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. जिसमें बताया गया था कि श्री तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति तो है, लेकिन उतनी नहीं कि उनके विरुद्ध मुकदमा चले. सीबीआइ के तत्कालीन न्यायाधीश ने सीबीआइ की दलील को खारिज करते हुए मामले में संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया गया था. कोर्ट के निर्देश पर मुकदमा चला. 16 जनवरी 2019 को बंधु तिर्की के खिलाफ आरोप तय किया गया. सीबीआइ ने 22 गवाही करायी. 18 दिसंबर 2019 को गवाही पूरी होने के बाद आरोपी का बयान दर्ज किया गया. मामले में बंधु ने अपने बचाव में सात गवाहों को अदालत में प्रस्तुत किया था. छह मार्च 2020 से बंधु की ओर से बहस शुरू की गयी.

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