भुली। भुली सी ब्लॉक दुर्गा मंदिर प्रांगण में सात दिवसीय भागवत कथा के पांचवे दिवस पर कथा वाचक ने श्री कृष्ण के जन्म और उनके लीलाओं को लेकर बताया कि मनुष्य अपने जीवन मे मोहमाया और दिखावे व अहंकार वश जीवन यापन करता है और भगवान के लीलाओं से विमुख होकर कष्ट का भागी बनता है। श्री कृष्ण के जन्म से पूर्व कंस को आकाशवाणी सुनाई दी कि देवकी का आठवां पुत्र तुम्हारे मृत्यु कारण होगा। कंस अहंकार व क्रोध में देवकी व वासुदेव की हत्या करने का मन बना लेता है। वासुदेव के यह कहने पर की कंस तुम महा पराक्रमी हो स्त्री का वध करोगे। इससे आसान तो जन्म लेने वाला शिशु होगा। कंस अपने अहंकार में देवकी व वासुदेव को कारगर में बंदी बना लेता है। वासुदेव कहते हैं कि देवकी धैर्य रखो आकाशवाणी सत्य होगी और भगवान जन्म लेंगे और हमारा उद्धार होगा।
कथा वाचक ने कृष्ण के लीला को लेकर कहा कि श्री कृष्ण आने दुश्मन को भी सदगति देते हैं। भगवान श्री कृष्ण के बाल्यकाल में पूतना स्तन में विष लगा कर मायारूपी स्त्री बन श्री कृष्ण का वध करने आती है। श्री कृष्ण ने पूतना को भी सदगति दे दी। कथा वाचक ने कहा कि हम अपने जीवन मे अहंकार और दूसरे को दुश्मन मान लेते हैं जबकि दयालु श्रीकृष्ण अपने दुश्मन व अहंकारी को भी सदगति देते हैं। कथा वचक ने श्रीकृष्ण लीला के वर्णन में श्रीकृष्ण व बाबा भोलेनाथ के मिलन को भी अपने श्रीमुख से वर्णन किया। जब बाबा भोलेनाथ ने बाल गोपाल से मिलने भस्म लगाकर गए तो उन्हें कोई बाल गोपाल श्री कृष्ण से मिलने नही दिया। जबकि श्रीकृष्ण बाबा भोलेनाथ से मिले और खेले भी। यहां वेश भूषा का वर्णन करते हुए कहा कि आज हम अपने रिश्ते में कपड़ो धन – दौलत ऐश्वर्य देखते हैं जबकि हमारा मुरारी कान्हा सिर्फ प्रेम देखता है।
भागवत कथा के आयोजन पर डॉ एम के वर्मा ने आयोजको को पुष्प गुच्छ देकर संम्मानित किया और आशीर्वाद ग्रहण किया।