लॉक – डाउन की दहलीज पर फिर देश खड़ा हुआ शादी , रैलियों और स्कूल कॉलेजों पर लग सकती है पाबंदी ओमिक्रॉन को लेकर केंद्र सरकार गम्भीर

जमुई बिहार/ (चुन्ना कुमार दुबे) ओमिक्रॉन के मामले देश में तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते एक सप्ताह में इसका संक्रमण कई गुना तक बढ़ गया है। आलम यह हो गया है कि अब 14 राज्य कोरोना के इस नए वैरिएंट की चपेट में हैं और देश भर में 221 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र की है , जहां 65 लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं। इसके अलावा दिल्ली में 54 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके बावजूद लोग नए वैरिएंट को लेकर गंभीर नहीं हैं। सरकार ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के संक्रमण को रोकने के लिए नए दिशा – निर्देश जारी किए हैं , जिसमें कई तरह की पाबंदियों की बात कही गई है। 
केंद्र सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है , लिहाजा राज्य त्वरित फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू और कंटेनमेंट जोन बनाने जैसे जरूरी उपायों के लिए अलर्ट रहें। बीते 18 दिनों में यह संख्या 100 गुना तक बढ़ गई है। हालांकि राहत की बात यह है कि किसी मरीज को आईसीयू में नहीं जाना पड़ा है। 
केंद्र सरकार ने राज्यों को ओमिक्रॉन से बचाव के लिए वार रूम तैयार करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है कि ओमिक्रॉन वायरस तेजी से फैलने में सक्षम है। साप्ताहिक संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक होने या आईसीयू के बेड 40 फीसदी से अधिक भर जाएं , तो जिला या स्थानीय स्तर पर रात्रि कर्फ्यू या कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
  केंद्र सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप के बढ़ते मामलों को लेकर राज्यों को सतर्क किया है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मुख्य सचिवों को लिखा है कि डेल्टा के अलावा ओमिक्रॉन देश के अलग – अलग हिस्सों तक पहुंच गया है। इसे काबू में करने के लिए सख्ती से राज्य तथा  केंद्रशासित प्रदेशों को आगे आना होगा और सख्त कदम उठाने होंगे। उन्हें टेस्ट , ट्रैक और सर्विलांस के साथ कंटेनमेंट जोन की नीति अपनानी होगी।
कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए खास बिंदु
कंटेनमेंट जोन
कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाए जाने के साथ सार्वजनिक स्थानों पर अत्यधिक भीड़ – भाड़ पर नियंत्रण करना होगा। शादी और अंतिम संस्कार में लोगों की संख्या सीमित करनी होगी। कार्यालयों , उद्योगों और सार्वजनिक परिवहन के साधनों में नियम लागू करने होंगे। मरीजों की संख्या के आधार पर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन निर्धारित करने होंगे। प्राथमिकता के साथ जीनोम सिक्वेंसिंग किया जाए।

टेस्टिंग एवं सर्विलांस
आईसीएमआर और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक के अनुसार जांच और निगरानी की व्यवस्था को लागू किया जाए। मरीज की पहचान के लिए घर – घर सर्वेक्षण किया जाए। आरटी – पीसीआर जांच की दर बढ़ाई जाए। कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समय पर जांच के साथ उपचार की सुविधा मिले। एयर सुविधा पोर्टल के जरिए विदेशों से आने वाले लोगों पर स्थानीय प्रशासन नजर रखें। 

क्लीनिकल मैनेजमेंट
ओमिक्रॉन के बढ़ते दायरे के अनुसार अस्पतालों में बेड की क्षमता बढ़ाई जाए। एम्बुलेंस , ऑक्सीजन सिलेंडर , दवाओं का भंडार और अन्य जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया जाए। होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों के लिए किट मुहैया कराई जाए। मरीजों पर कॉल सेंटर और घर – घर दौरे के जरिए नजर रखी जाए। इसका मकसद संक्रमण को फैलने से रोकना है।
टीकाकरण
कोरोना की बढ़ती रफ्तार के बीच टीकाकरण पर जोर दिया जाए। पहली और दूसरी डोज के पात्र हर व्यक्ति को हर – हाल में टीका लगे यह सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा सभी राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश अपने वॉर रूम को दोबारा तैयार कर लें। लोगों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे इसके लिए भी पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें जिससे स्थिति काबू में रहे।

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