रविदास के दोहे आज भी प्रासंगिक – मुंसी दास

धनबाद। रविदास के सोहे आज भी प्रासंगिक। समाज को देखने का नजरिया जो रविदास जी मे था उसकी सार्वभौमिकता आज भी सिद्ध होती है। उक्त बातें रविदास विचार मंच के संगठन सचिव मुंसी दास ने कही। मुंसी दास ने रविदास जन्मोत्सव पर होने वाले आयोजन को लेकर बताया कि विगत वर्षों के भांति संत गुरु रविदास का जयंती वृहद पैमाने पर जयंती का आयोजन रविदास आश्रम में रविवार 28 फरवरी को आयोजित की गई है। । रविदास का जन्म पंद्रहवीं शताब्दी में हुआ और रविदास के निर्गुण शैली के दोहे आज भी प्रासंगिक है। लोक आचरण में आज भी रविदास के दोहे पढ़े और पढ़ाई जाती है। लोक आचरण में रविदास की सार्वभौमिकता बनी हुई है। रविदास जन्मोत्सव पर उनके दोहों के मर्म पर चर्चा होनी चाहिए। जिससे आनेवाली पीढ़ी रविदास के दोहों से परिचित हो सके

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