लाखों का अवैध जर्दायुक्त सितार गुटखा आरोपी गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ / दुर्ग (अभिषेक शावल) आज शाम ऐसे ही जर्दा युक्त प्रतिबंधाताम्क जर्दा युक्त गुटखे के गोदाम पर दुर्ग की मोहन नगर पुलिस के द्वारा कार्यवाही की गयी. प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग कौशलेन्द्र पटेल के मार्दर्शन में मोहन नगर पुलिस द्वारा लगभग 12 से 14 बोरी जर्दा युक्त गुटखा संजय बदानी निवासी –  संतराबाड़ी पोलसाय पारा दुर्ग के निवास से जब्त किया, जिसमे सितार , पान राज , पान पसंद आदि जर्दायुक्त गुटखा भरा हुआ था, जिसकी कीमत लाखो में आंकी गई  है, वही जब इस कार्यवाही को लेकर मोहन नगर थाना प्रभारी से जानकारी लेनी चाही गई तो उनके द्वारा यह कहा गया कि गुटखा जब्त हुआ है और कार्यवाही अभी जारी है .पुलिस प्रशासन तो अपनी सीमा में रहकर कार्यवाही कर रही है !

पूर्व में भी पकड़ा गया था लाखो का सितार गुटखा लेकिन बच गया आरोपी …

आपको बता दें कि पूर्व में भी इसी मोहन नगर थाना में लाखो का प्रतिबंधित जर्दायुक्त सितार गुटखा पकड़ा गया था,  जिसमे किसी भी प्रकार से मार्का भी नहीं था, जिसको मोहन नगर पुलिस ने जप्ती कार्यवाही कर फ़ूड एंड ड्रग विभाग को आगे की कार्यवाही के लिए सुपुर्द करते हुए, निर्माण के नियमो का पालन नहीं करने वाले निर्माता और परिवहन करने वाले व्यक्ति को रिपोर्ट ( जाँच ) के आधार पर छोड़ दिया गया, जबकि गली मोहल्ला ही नहीं पुरे शहर को मालूम है कि सितार गुटखा जर्दा युक्त है किन्तु विभाग की लापरवाही कहे या परदे के पीछे चले किसी बड़े सौदे का कमाल किसी पर भी किसी तरह कि कोई कार्यवाही नहीं हुई ! और कुछ दिनों बाद पता चला की फ़ूड एंड ड्रग विभाग ने नमूना जांच के लिए भेजा था, वो जर्दायुक्त नमूना पास होकर आ गया, जिसके बाद गुटखे के मालिक ने माननीय न्यायालय से गुटखे की वापस से सुपुर्दगी ले ली ! सही मायने में कहा जाए तो ये बात गले उतरने लायक नहीं है क्योकि पहली बात तो यह है की सितार गुटखे को आज तक किसी ने सादा पान मसाला के रूप में नहीं देखा ,सितार गुटखे का निर्माण हमेशा ही जर्दायुक्त हुआ है ! दूसरी बात यह है की जब मोहन नगर थाना में जप्ती की कार्यवाही की जा रही थी तब गुटखे के पाउच को खोलकर भी देखा गया था और नमूने के तौर पर एक पत्ता हमारी टीम ने भी रखा था ! अब इसको लेकर यह समझ पाना मुश्किल हो गया है की फ़ूड एंड ड्रग विभाग ने नमूने में बदलाव कर दिया, या फिर जाच के लिए जहा नमूना भेजा गया था, वहा अधिकारी को जांच का अनुभव नहीं था, और एक बात बहुत अजीबोगरीब हुई, जप्त किये गए गुटखे के पाउच पर किसी भी प्रकार  एफएसएसएआई FSSAI कोड नहीं था, जो इस बात को प्रमाणित करता है कि गुटखा पूरी तरह अवैध है, उसपर  न्यायालय ने गुटखा मालिक को गुटखे की सुपुर्दगी दे दी, जब गुटखा अवैध रूप से निर्मित था तो जिम्मेदार विभाग के अधिकारीयों ने उसपर आपत्ति क्यों नहीं दर्ज कराई !

अब एक बार फिर नगर पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र पटेल ने जर्दा युक्त गुटखा पर बड़ी ही मेहनत से कार्यवाही करते हुए लाखो का जर्दा युक्त प्रतिबंधात्मक गुटखा जब्त किया है, अब देखना यह होगा, कि क्या फ़ूड एंड ड्रग विभाग मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच की कार्यवाही करेगा या एक बार फिर अपने अधिकार का फायदा उठाते हुए जर्दा युक्त गुटखा को क्लीन चिट देकर गुटखा व्यापारियों को राहत पहुचने का कार्य…

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