श्रम शक्ति के प्रगति हेतु बोर्ड संकल्पित-आर के गोप

सरायकेला / सरायकेला प्रखंड अन्तगर्त केंदुआ गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय प्रांगण में “द्विदिवसीय महिला श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम” दिनांक 10 एवं 11 सितम्बर,को आयोजित किया गया। यह श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदे शालय -जमशेदपुर के तत्वावधान में आयोजित किया गया।कार्यक्रम के समापन सत्र में बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी श्री राज किशोर गोप ने अपने संबोधन में केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी देते हुए इसका लाभ उठाने हेतु प्रखंड एवं जिला स्तरीय सरकारी तंत्र से सम्पर्क करने को कहा। महिला श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक शक्ति में वृद्धि कर ही हम एक विकास शील समाज का निर्माण कर सकते हैं।श्री गोप ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की कमी के कारण महिलाएँ केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित गरीबी उन्मूलन तथा कल्याणकारी योजनाओं का लाभ से वंचित हैं। आगे उन्होंने कहा कि बोर्ड भारत के संगठित,असंगठित तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत श्रम शक्ति के उतरोत्तर प्रगति हेतु 1958 से संकल्पवद है।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अर्जुन माझी ने अपने संबोधन में कहा कि जागरूकता के बल पर ही लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। इस पर के कार्यक्रम समाज में व्याप्त बुराईयों के निदान में अत्यन्त उपयोगी साबित हो सकता है।


इस अवसर पर सहायक शिक्षिका मीनाक्षी पाठक ने अपने सम्बोधन में बोर्ड के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से महिलाओं में जागरूकता बढ़ेगी तथा वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आयेंगे।
कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक श्री हेमसागर प्रधान ने किया । उन्होंने लेबर कार्ड बनाने की प्रक्रिया,कौशल विकास योजना,प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा,बालिका समृद्धि योजना एवं असंगठित श्रमिकों हेतु नेशनल डाटाबेस यूनिवर्सल एकाउंट नम्बर हेतु निबन्धन प्रक्रिया के बारे में प्रतिभागियों को जरूरी जानकारी दिया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 महिलाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सहायक शिक्षक अजय कुमार महतो, शिक्षिका दानगी हांसदा,प्रतिमा महतो,सुनंदा महतो, वार्ड सदस्य भवानी महतो,देवती महतो, सपना महतो, संतरा महतो आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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