गम्हरिया। झामुमो जिला अध्यक्ष शुभेंदु महतो ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन आदिवासी-मूलवासियों को बेदखल कर अस्तित्व मिटाना चाहती है। कंपनी में सिर्फ बाहरी व्यक्तियों को अप्रेंटिस से लेकर ऑफिसर में बहाल करते आ रही है। आदिवासी-मूलवासियों को रोजगार देने के बजाय उनका शोषण अब हरगिज बर्दास्त नहीं कि जाएगी। अपने अधिकार के लिए हम किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। अगर आदिवासी-मूलवासियों को उनका हक एवं अधिकार नहीं दिया गया तो टाटा स्टील के खिलाफ अनिश्चितकालीन तीव्र आंदोलन का बिगुल फूंका जाएगा। विश्व आदिवासी दिवस पर खेरवाल सांवता जाहेरगाड़ समिति एवं झामुमो जिला कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में टीजीएस गेट पर सोमवार को सांकेतिक आंदोलन की शुरुआत की। धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने टाटा स्टील प्रबंधन को स्थानीय लोगों को नियोजन में शामिल करने अन्यथा इसके दुःखद परिणाम भुगतने की चेतावनी दी। इस अवसर पर खेरवाल सांवता जाहेरगाड़ समिति के सचिव भोमरा मांझी ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन ने पिछले सौ सालों से क्षेत्र के आदिवासी-मूलवासियों को सब्जबाग दिखाकर उन्हें घर से बेघर कर दिया। उनकी जमीन-जायदाद लेकर विस्थापितों की श्रेणी में लाकर दर दर की ठोकर खाने को छोड़ दिया। उन्हें नियोजन तो दूर उचित मुआवजा भी नहीं दिया गया। कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन ने ग्रामीणों से उद्योग के लिए जमीन ली थी, किन्तु करीब एक हजार एकड़ जमीन पर उद्योग नहीं लगाया। कहा कि जाहेरगाड़ की जमीन भी टीजीएस परिसर में रखी है, जिसे वापस नहीं कर रही है। इस अवसर पर केंद्रीय सदस्य सह झामुमो के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रधान ने कहा कि टाटा स्टील के इसी रवैये के कारण टेंटोपोसी में ग्रामीणों ने भारी विरोध किया और वहां प्लांट लगने नहीं दी। सिंगुर से टाटा स्टील को वापस जाना पड़ा। इस अवसर पर पूर्व जिलाध्यक्ष रंजीत प्रधान ने कहा कि टाटा स्टील को पहले स्थानीय आदिवासी एवं मूलवासियों के दर्द को समझना होगा। उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाना होगा। इस अवसर पर बुद्धिजीवी मंच के जिलाध्यक्ष छाया कांत गोराई ने कहा कि टाटा स्टील प्रबंधन को आदिवासी-मूलवासियों के विकास की चिंता नहीं है। कहा कि नियोजन समेत अन्य मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन का निर्णय लिया गया है। इस अवसर पर केंद्रीय सदस्य रामदास टुडू, जिला उपाध्यक्ष अमृत महतो, महेश्वर महतो, गुरुचरण मुखी, पितवास प्रधान आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर रुद्र प्रताप महतो, दीपक मंडल, कृष्णा बास्के, भोंडा बेसरा, शंकर मुखी, राम हांसदा, दिलीप गोराई, उदय मार्डी, अमीन मंडल, जगदीश महतो, बीटी दास, दीपक नायक, सुभाष करूवा, पप्पू मुर्मू, मोहन बास्के, अविनाश सोरेन, प्रकाश महतो, आकाश दास आदि उपस्थित थे।