गम्हरिया। सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में उम्मीद से परे कम मार्क्स मिलने से अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं ने सतबहिनी-जमालपुर के जगबनी पब्लिक स्कूल में जमकर आक्रोश व्यक्त किया। अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन पर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। मंगलवार को विद्यालय के बच्चों की मैट्रिक का रिजल्ट देख अभिभावक स्तब्ध रह गए। इस विद्यालय से कुल 33 बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी। इसमें किसी को भी प्रथम श्रेणी नहीं मिली। द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी में काफी कम प्रतिशत से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों में आक्रोश पनप उठा। उनका कहना था कि उन्हें इतने कम मार्क्स में कहीं एडमिशन नहीं हो पायेगा। इसमें कई बच्चे ऐसे थे, जो लगातार कक्षा में अव्वल आते थे।
रजिस्ट्रेशन के नाम पर प्रति बच्चे वसूले 17 हजार
बुधवार को विद्यालय खुलते ही बच्चों एवं उनके अभिभावकों ने प्रबंधन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाले। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि प्रति छात्र-छात्राओं से 17 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के नाम पर लेकर अच्छा मार्क्स दिलाने का आश्वासन दिया गया था। सभी छात्र छात्राओं को अन्य विद्यालयों से परीक्षा दिलायी गयी थी। अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन को 24 घंटे की मोहलत देकर रिजल्ट में सुधार करने का मौका दिया है। उसके बाद आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
गहने गिरवी रख चुकायी फीस
इस अवसर पर मौजूद कई महिला अभिभावकों ने कहा कि बच्चों की फीस के साथ रजिस्ट्रेशन शुल्क चुकाने में अपने घर की सामग्री समेत गहने तक गिरवी रख दिये। क्योंकि स्कूल प्रबंधन ने इस कोरोना काल में भी फीस के एक एक पैसे वसूल कर परीक्षा में बैठाया। कहा कि अपनी गलती छिपाने के लिए विद्यालय प्रबंधन ने सीबीएसई पर कम मार्किंग का आरोप लगा रहा है। अभिभावकों ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को सभी अभिभावक विद्यालय पहुंचेंगे।
विद्यालय से चूक नहीं, सीबीएसई ने दिया मार्क्स
इधर इस मामले में विद्यालय के एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के कुणाल कुमार ने बताया कि जिस बच्चे को विद्यालय शिक्षा देता है, उसके भविष्य के साथ कभी खिलवाड़ कर ही नहीं सकता है। बच्चों को कम मार्क्स आने से विद्यालय प्रबंधन भी चिंतित है। इस मामले को लेकर सीबीएसई से संपर्क कर समस्या के हल का प्रयास किया जाएगा।