मां भद्रकाली मंदिर में पूजा अर्चना कर लिया आशीर्वाद
हंटरगंज स्थित चौखडा गांव में पंडित दीनदयाल उपाध्याय व भगवान परशुराम की मूर्ति पर किया माल्यार्पण
चतरा। हंटरगंज के चौखड़ा ग्राम में शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने डॉ० एमएस गोलवलकर कैंसर सोध संस्थान एवं अस्पताल कि रखी आधारशिला।यह कार्यक्रम श्री परशुराम कृष्ण सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास उपस्थित हुए।इस मौके पर उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए गोलवलकर की जीवनी पर प्रकाश डाला।उन्होंने कहा कि गोलवलकर एक व्यक्ति नही बल्कि एक समतामूलक विचारधारा के संस्थापक थे।गोलवलकर ने संघ को यह संदेश दिया था कि
समतामूलक समाज का निर्माण होने से भारत एक दिन विश्व गुरु बनेगा।इस समतामूलक समाज में जात-पात,उंच-नीच का भेदभाव नही होगा।उन्होंने आगे कहा कि समाज में आखरी पायदान पर बैठे व्यक्ति को अगर दुख हो तो इसका पीड़ा हमें भी होता है।उन्होंने कहा कि जब हम टाटा फैक्ट्री में एक कर्मचारी कि हैसियत से काम कर रहे थे तो मेरे मन मस्तिष्क में यह खयाल उत्पन्न हुआ था कि हमारे राज्य में कैंसर पीड़ित लोगों को ईलाज के लिए मुंबई जाना पड़ता है। जिन्हें कई कठिनायों का सामना करना पड़ता है तो हम टाटा रतन से इस पीड़ा को रखा और आज रांची में दो सौ बेड का कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। दास ने आगे कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण किया जा रहा है,जो चिंता का विषय है।जब राज्य में हमारी सरकार थी तो विधानसभा से कानून पारित कर धर्मांतरण को रोकने का काम किया था।उन्होंने ने एक सूफी संतों के तर्ज पर संस्थान के लोगों को नसीहत दिया कि समाज के किसी भी व्यक्ति से इच्छा स्वरूप जो भी चंदा मिले उसे स्वीकार किया जाय।बड़े कामों के लिए छोटे उपहार भी बड़ा साबित होता है । यह काम समाज और मानव हित में है।इस काम में सभी को बढ़ चढ़ के हिस्सा लेनी की बात पर बल दिया। बड़े कामों में समय लगता है लेकिन जो बड़ा काम करता है उसे संसार ऐसे ही स्मरण करती है। जैसे आज गोलवलकर को याद किया जा रहा है। इस संस्थान के बन जाने से इस क्षेत्र का ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोग इससे लाभान्वित होंगे।उन्होंने ने कहा कि आज पूरा विश्व डिजिटल युग में पहुंच गया है।हमें भी उसके लिए प्रयास करना होगा। समान्य डिग्री से अब कुछ नहीं होगा।आधुनिक युग के तरफ देश के प्रधानमंत्री तेजी से देश को लेजा रहे हैं।आज उसी का परिणाम है कि देश आज विकसित देशों के सामने मद ए मुक़ाबिल खड़ा नजर आ रहा है। इस इतिहासिक सभा को संबोधित करते हुए हजारीबाग के पूर्व सांसद प्रो यदुनाथ पांडेय ने कहा कि गोलवलकर के सपनों को तभी साकार किया जा सकता है जब अखंड भारत का हम निर्माण करने में सफलता प्राप्त करेंगे।श्री पांडेय ने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों कि गुलामी से आजादी मिली है।इसी सोंच को गोलवलकर ने अमली जामा पहनाने के लिए 1925 ई में संघ संचालक के रूप में 5 लोगों के साथ संघ शुरू किया जो बहुत ही थोड़े समय में 1 लाख संघ के स्वयंसेवक हो गए थे।उन्होंने अतीत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोलवलकर की एक सोच थी कि आजादी के बाद कैसा भारत होगा।भारत का शासन को रूप रेखा कैसा होगा। एक समय था जब संघ पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और संघ कि बात कोई सुननेवाला नहीं था।केवल एक व्यक्ति थे सरदार बल्लभभाई पटेल जो संघ कि बातों को ध्यान से सुनते थे। उसी समय गोलवलकर ने सोचा था कि संसद में जब तक मेरा प्रतिनिधत्व नहीं होगा तब तक संघ का विकास सम्भव नहीं है।आज उनके सपनों को साकार होते हुए देखा जा सकता है।आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जबकि यह देश कि आजादी के बाद ही हो जाना चाहिए था।इस सभा को संबोधित करनेवालों में महामंडलेश्वर बैंकटेश्वर जी महाराज, भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिव्यानंद जी महाराज,मथुरा के भागवत कथा वाचक देवकीनंदन भारद्वाज ने संबोधन किया।इससे पहले पूर्व मुख्मंत्री दास मां भद्रकाली मंदिर में पूजा अर्चना भी किए।
इस कार्यक्रम में पूर्व विधायक जनार्दन पासवान, जय प्रकाश सिंह भोगता ,जिला परिषद अध्यक्ष ममता देवी,जिला परिषद सदस्य निशा कुमारी,जीप सदस्य जितेंद्र कुमार रजक,बी जे पी के जिला अध्यक्ष अशोक शर्मा,जिला उपाध्यक्ष युगल किशोर सिंह,सूबेदार पासवान,काली चरण सिंह,अभिषेक केशरी,बिपिन कुमार सिंह,अरुण चौरसिया, विरेंद्र तिवारी खास तौर से मौजूद थे।