सराईकेला / आगामी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कार्यक्रम की तैयारी रूपरेखा और जनसंख्या समाधान के विषय पर संगोष्ठी पर गूगल मीट का आयोजन सुचिता सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुई सभी जिला के जिला अध्यक्ष सहित जिला के पदाधिकारी गण एवं प्रदेश के पदाधिकारियों ने इस अहम गूगल मीट उपस्थित होकर कार्यक्रम की सफल बनाने के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित की
गूगल वर्चुअल मीट को संबोधित करते जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश महासचिव सह सरायकेला खरसावां जिला के अध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि बढ़ती आबादी देश की प्रगति की बाधक है जनसंख्या विस्फोट के दुष्परिणाम देश के संसाधनों पर भारी दबाव है कोरोना काल में भारी संख्या लोग संक्रमित हुए ऑक्सीजन से लेकर बेड, दवा कम पड़ गयी यदि देश में जनसँख्या इसी तेजी से बढती है तो देश में मौजूद आधारभूत संरचना और संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है जिससे देश का विकास प्रभावित हो रहा है, और अधिकतर देशवासी गरीबी के कुचक्र में फंसे हैं।
गरीबी के कारण लोगों के जीवन स्तर में गिरावट जारी है यह तो बिलकुल समान्य सी बात है कि जब कमाने वाले कम होंगे और खाने वाले ज्यादा तो लोगों को उनकी शारीरिक जरूरतों के अनुसार भोजन और पोषण नहीं मिल पायेगा फलस्वरूप उनके जीवन स्तर में गिरावट आती जाएगी। भारत में आज भी बहुत से गावों में यह सिलसिला जारी है। ऐसे परिवार का गरीबी का दुष्चक्र से बाहर निकलना नामुमकिन है यदि किसी के माता पिता गरीब हैं जिन्होंने अधिक बच्चों के कारण सभी बच्चों की ठीक से पढाई लिखाई पर ध्यान नहीं दिया तो ऐसा संभव है कि उसकी आने वाली पीढियां भी इसी चक्रवात में फंसी रहेंगी और गरीब के घर में गरीब पैदा होता रहेगा।बढ़ती आबादी और किन कारणों से देश का विकास प्रभावित होना निश्चित है जिस देश के लोग केवल अपने पेट के भरण पोषण में ही लगे रहेंगे वहां विज्ञान और प्रोद्योगिकी के विकास की कल्पना करना भी बेमानी है।यह स्थिति अफ्रीका महाद्वीप के कई देशों मे आज भी देखने को मिलती है।
भारत की नीति निर्माताओं ने बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए 70 के दशक में “हम दो हमारे दो” का नारा दिया था और जनसंख्या नियंत्रण के लिए नशबंदी अभियान चलाया था। जो ज्यादा सफलीभूत नहीं हुआइस प्रकार स्पष्ट है कि जनसँख्या विस्फोट की स्थिति किसी भी देश के विकास में बाधक है। इसलिए जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन पूरे भारतवर्ष में मुहिम चला रही है झारखंड में भी सभी जिलों में इस मुहिम को बल मिल रहा, है प्रदेश संयोजिका सुचिता सिंह ने आगामी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस को झारखंड के सभी जिला अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे अपने सभी प्रखंड में इसकी व्यापक तैयारी करें उन्होंने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस पर पूरे झारखंड में 260 प्रखंडों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे