शिक्षकों पर हुई कार्रवाई की हो वापसी , वेतन कटौती, निलंबन एवं बर्खास्तगी हो समाप्त

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गया। परिवर्तनकारी शिक्षक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी संयोजक नवनीत कुमार एवं प्रदेश संगठन महामंत्री शिशिर कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शिक्षकों पर हुई कार्रवाइयों को वापस लेने की मांग की है।

नेता द्वय ने बताया कि शिक्षा सुधार के नाम पर निवर्तमान अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों पर कई तरह की कार्रवाइयाँ की गई है। जिसमें शिक्षकों के वेतन कटौती, निलंबन एवं बर्खास्तगी प्रमुख हैं।

पिछले एक वर्ष में शिक्षकों का जो मानसिक दोहन और शोषण हुआ है उसकी भरपाई विभाग द्वारा कार्रवाइयों को वापस लेकर की जा सकती हैं।

इस अवधि के दौरान शिक्षकों को अनावश्यक एवं पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर तरह-तरह की प्रताड़नाएं दी गई हैं। गर्मी की छुट्टी समेत होली, रक्षाबंधन एवं अन्य त्योहारों में छुट्टियों की कटौती इसका ज्वलंत उदाहरण है। इसके अलावा मनमाने तरीके से स्कूल टाइमिंग को बदलना न केवल शिक्षकों के लिए बल्कि छात्रों के लिए भी कठिन रहा है।

प्रदेश मीडिया प्रभारी मृत्युंजय ठाकुर ने बताया कि राज्य के करोड़ों बच्चे जो सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं उनका भविष्य बनाना शिक्षकों का कार्य है। राज्य के शिक्षक पूरी निष्ठा लगन और ईमानदारी से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इसके बावजूद विभाग द्वारा एक भय का माहौल बनाया गया।

संविदाकर्मियों, अनुबंधकर्मियों, नियोजित,शिक्षा विभाग से इतर लोगों एवं कनीय कर्मचारियों के द्वारा विद्यालय निरीक्षण कराना शिक्षकों की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहा है।

इस पर अविलंब रोक लगाई जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नए अपर मुख्य सचिव के आने के उपरांत कई बदलाव किए गए हैं ,जो सराहनीय हैं।

ठाकुर ने मांग किया कि शिक्षा एवं शिक्षक हित में शिक्षकों पर हुई कार्रवाई अविलंब वापस ली जाय ताकि शिक्षक भयमुक्त एवं संशयमुक्त होकर अपने कार्यों का निर्वहन कर सकें।

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