आलमगीर आलम के त्याग पत्र में पेंच,अधिकारिक पुष्टी नही

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रांची | कमीशनखोरी के आरोप में ईडी के द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजने गये झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार से त्याग पत्र दे दिया है।आलमगीर आलम ने झारखंड सरकार और कांग्रेस के आलाकमान के दबाव में त्याग पत्र दिया है।सूत्र का कहना है की आलम ने अपना त्यागपत्र सम्बन्धित अधिकारी को डाक के माध्यम से शनिवार को गुप्त रूप से प्रेषित कर दिया है ।

इस व्यवधान के कारण इनकी पुष्टि नही हो पा रही है।हलांकि शीर्ष कांग्रेसी नेता अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया है की आलम ने शनिवार को ही डाक से त्यागपत्र भेज दिया है।आलम कांग्रेस आलाकमान से बेहद नाराज है ।उनका मानना है की आलाकमान ने विभिन्न आरोप को लेकर जिस प्रकार व्यवहार किया है वह गलत है।हलांकि कुछ दिन पहले राजपाल ने उनके विभाग के तमाम अधिकार हटाने का आदेश दिया था वह नियम संगत नही था।

आलम पर त्यागपत्र देने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के द्वारा लगातार दबाव बनाने जा रहे थे।सम्पन्न लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की हार के लिए उन्हे घेरे मे लिया जा रहा था ।उन्होने स्पष्ट तौर पर कहा था की वो त्यागपत्र नही देगे।सूत्र का कहना है की झारखंड कांग्रेस के दो विधायक एक महिला और एक पुरूष आलमगीर आलम के सभी विभाग हथियाने के लिए दिल्ली स्थित कांग्रेस आलाकमान के सामने जुगाड़ लगा रहे है।

पहले त आलाकमान ने दोनो को लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नही बनाया उससे भी वो नाराज चल रहे है।तत्कालीन मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन के समय दोनो विधायक ने जमकर हंगामा किया था ।अब जब आलम के त्यागपत्र की खबर चली है दोनो विधायक अपना तिकड़म लगाना आरम्भ कर दिया है ।

आज संध्या जब गांडेय विधान सभा से नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन ने विधान सभा अध्यक्ष से पद एवं गोपनीयता की शपथ ली त पुनः दोनो विधायक का तिकड़म शुरू हो गया है ।

हलांकि आलमगीर आलम के त्यागपत्र के स्पष्ट होने के बाद ही मुख्य मंत्री का निर्णय हो पायेगा।

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