देवेंद्र शर्मा।
रांची | सी आई डी की साइबर क्राइम ब्रांच ने रेड मारकर रांची और पश्चिम बंगाल में फर्जी सी बी आई अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करने वाले पांच साइबर अपराधियों को दबोच लिया।
रफ्तार साइबर अपराधियों ने 28 लाख रुपये की ठगी की थी। सी आई डी की साइबर क्राइम ब्रांच के मुताबिक इस गिरोह का सरगना योगेश अग्रवाल है जो रांची के स्थानीय पते और लोगों की जानकारी टेलीग्राम के जरिए हांगकांग में बैठे अपने साथियों को मुहैया कराकर विदेशी सर्वर के जरिए ठगी करवाता था।
मुख्य सरगना योगेश अग्रवाल रांची और गुड़गांव जैसे अलग-अलग शहरों में अलग-अलग नामों से फर्जी कंपनियां खोलकर लोगों से उनमें निवेश करवाता था।
सी आई डी ने जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि साइबर अपराधियों ने खुद को सी बी आई दिल्ली का सीनियर अधिकारी बताकर रांची निवासी मनीष प्रकाश को कॉल किया।
इस दौरान साइबर अपराधियों ने मनीष कुमार से कहा कि उनके खिलाफ अवैध अवैध विज्ञापन जालसाजी का केस किया गया है।
अगर आप सी बी आई में आकर मामले का निपटारा नहीं करते हैं, तो 90 दिनों के अंदर आपके पूरे परिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाएगा।
फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने मनीष प्रकाश से यह भी कहा कि अगर वह कुछ पैसे बैंक में निवेश कर दें तो आरोप लगाने वाले व्यक्ति को भी मैनेज किया जा सकता है।
इस दौरान साइबर अपराधियों ने मनीष प्रकाश को ऐसे सबूत और फर्जी दस्तावेज दिखाए कि मनीष को पूरी तरह से यकीन हो गया कि वह किसी और की वजह से बड़े घोटाले में फंस गए हैं।
धीरे-धीरे साइबर अपराधियों द्वारा बताए गए अलग-अलग खातों में 28 लाख रुपये जमा हो गए। कुछ दिनों के बाद जब पीड़ित को साइबर अपराधियों के बारे में पता चला तो उसने साइबर थाने में जाकर मामला दर्ज कराया।
विदेशी सर्वर के माध्यम से ठगी की मिली जानकारी मामला दर्ज होने के बाद जब सी आई डी की साइबर क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराधियों की तलाश शुरू की तो पता चला कि रांची और पश्चिम बंगाल से विभिन्न विदेशी सर्वर के जरिए ठगी की जा रही है।
तकनीकी सूचना टीम के सहयोग से CIDसी आई डी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने रांची के विशाल शर्मा, आशीष कुमार, अंकित अग्रवाल, योगेश अग्रवाल और पश्चिम बंगाल के विशाल शर्मा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से हांगकांग, इंडोनेशिया और अमेरिका की करेंसी भी बरामद हुई है।