तिसरा। लोदना क्षेत्र के नॉर्थ साउथ तीसरा स्थित देव प्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना के ओबी डंपिंग को लेकर साउथ तीसरा वर्कशॉप को हटाने की कवायत प्रबंधन की ओर से तेज कर दी है। साउथ तीसरा वर्कशॉप हटाकर इस इलाके में ओबी पत्थर गिराया जाएगा।आउटसोर्सिंग परियोजना से इसकी शुरुआत हुई हो चुके हैं इस कारण पहले भी ग्रामीणों के साथ कई झरप हो चुकी है फिर एक बार ग्रामीण एवं आउटसोर्सिंग प्रबंधन के बीच इस कारण कभी भी संघर्ष होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बताते हैं कि आउटसोर्सिंग परियोजना चलाने के बाद इसी इलाका में ओबी गिराया जाएगा। परियोजना से निकलने वाली ओबी पत्थर गिराने के लिए पहले प्रबंधन की ओर से जो जिन गोरा जयरामपुर मार्ग को बंद कर दिया गया वहां पर पत्थर गिराए जा रहा है। एक मयी से लगातार ओबी पत्थर डंपिंग होने से नॉर्थ तीसरा से सुरंगा जाने वाली मार्ग को खतरा हो गया है जबकि बगल से पानी निकलने वाला नाला भी प्रभावित हो गया है उसके ऊपर पत्थर गिरा दिया गया है यदि बरसात हुआ तो पानी निकालना मुश्किल हो जाएगा ।
गोल्डन पहाड़ी के लिए पीट वाटर का पाइप के ऊपर भी कई पत्थर आ गए। सड़क के ऊपर भी कई पत्थर आ गए हैं आने जाने वाले राहगीर बाल बाल बचे हैं। जैसे ही प्रबंधन की ओर से वर्कशॉप हटा लिया जाएगा मार्ग भी बंद कर दिया जाएगा बगल के बेलधौरा, ऑफिस धौरा आदि इलाके के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है लगातार इलाके में आउटसोर्सिंग प्रबंधन की ओर से डंपिंग होने से लोगों में आक्रोश है लोगों का कहना है कि पहले प्रबंधन पुनर्वास की व्यवस्था करें इसके बाद इस इलाके में डंपिंग किया जाए।
प्रबंधन की ओर से साउथ तीसरा वर्कशॉप को नॉर्थ तीसरा सीआईएफ कैंप के पीछे लाने की योजना बनाई है यहां पर समकालीन कराया जा रहा है जबकि 6 नंबर में काटा घर भी चालू किया जाएगा इसके लिए भी रास्ता बनाया जा रहा है। आने वाले दिनों में सूत्रों का कहना है कि एमडीओ मुड़ के परियोजना चलाने के लिए यह सब किया जा रहा है इसका असर पूरे इलाके पर पड़ेगा।
इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य चंडी चरण देव ने कहा कि बिना समुचित व्यवस्था किया यदि हटाया जाएगा तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे इसकी सूचना जी एम को भी दे दी गई है। जबकि एटक के नेताओं ने महाप्रबंधक को पत्र दे 15 दिनों के बाद आंदोलन करने की चेतावनी की है। लोगों का कहना है कि नियम को ताक पर रखकर काम कराया जा रहा है डीजीएमएस क्या अधिकारी भी कुछ नहीं करते। जनप्रतिनिधि को ग्रामीण एवं आसपास के लोगों के जान माल की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए।