सरायकेला/ सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप पंचायत के लोगों के चिकित्सा हेतु बना उपस्वास्थ्य केंद्र , महालिमोरूप खुद बीमार पड़ा है। स्थानीय निवासी सह समाजसेवी श्री हेमसागर प्रधान ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया की यह केंद्र महालिमोरूप से डेड किलोमीटर दूर पूर्वी रेलवे फाटक के पास अवस्थित है।वैश्विक महामारी कोरोना संकट में भी इस उपस्वास्थ्य केंद्र का उपयोग नहीं हुआ। यहां के पंचायत सचिवालय में अस्थाई रूप से बनाई गई कोविड 19 टीकाकरण केंद्र में लोगों को टीका लगवाए जा रहे है। इस केंद्र का लाभ पंचायत के लोगों को नहीं मिल रहा है।सरकार ने आम लोगों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए करीब 8 वर्ष पूर्व लाखों रुपए खर्च कर भवन का निर्माण तो कर दिया ,लेकिन केंद्र चिकित्सक अथवा स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध नही रहते है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा के लिए 10 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय सरायकेला आना पड़ता है या 40 किलोमीटर दूर जमशेदपुर जाना पड़ता है। करीब 8 वर्ष पूर्व इस उपस्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण किया
गया। तब लोगों में आशा जगी की भवन निर्माण होने से यहां सरकारी चिकिसकों की सुविधा मिलेगी। निजी चिकित्सक के भरोसे रहना नहीं पड़ेगा। स्थिति यह है कि अब भवन जर्जर होने लगा है।खिड़की व दरवाजे में लगे शीशे टूटने लगे है।देख रेख के अभाव में यह बेकार साबित हो रहा है। उपस्वास्थ्य केंद्र भवन में बने शौचालय भी देख रेख के अभाव में खराब हो चुके है।शौचालय में पानी नहीं आने से बेकार पड़ा है।केंद्र में चापाकाल भी खराब पड़ा हुआ है। ग्रामीणों का मानें तो उपस्वास्थ्य केंद्र का भवन बनकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया गया।क्योंकि यहाँ चिकित्सा सेवा उपलब्ध नही है। बहरहाल स्थानीय ग्रामीण जिला स्वास्थ्य विभाग का ध्यानाकृष्ट करते हुए उपस्वास्थ्य केंद्र ,महालिमोरूप को दुरुस्त करने तथा स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करने की मांग की है। इससे संबंधित एक मांग पत्र तैयार किया गया है जिसमें पंचायत के लोगों का हस्ताक्षर कराकर प्रतिनिधि मंडल द्वारा स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाएगा।