रंगोली में बिहार के समृधशाली इतिहास एवं बिहार के तीज त्यौहारों को विशेष रूप से दर्शाया

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गया | ‌शिक्षा शास्त्र विभाग गया कॉलेज गया में बिहार दिवस समारोह आयोजन किया गया है प्राचार्य डॉ सतीश सिंह चंद्र के दिशा निर्देश पर समारोह का आरंभ सामूहिक रंगोली निर्माण से हुआ है। रंगोली में बिहार के संबृधशाली इतिहास एवं बिहार के तीज त्यौहारों को विशेष रूप से दर्शाया गया है। विभागाध्यक्ष डॉ धनंजय धीरज ने कहा कि बिहार के गौरवशाली अतीत का अध्ययन कर नई पीढ़ी को उससे सबक लेना चाहिए और एक समृद्ध वर्तमान के साथ बढ़ते हुए गौरवमय भविष्य का सपना सभी बिहार वासियों को देखना चाहिए।बिहार विश्व में प्रथम गणतंत्र की जननी है। बिहार की भूमि ने ही भारत को प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद तथा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बिहार ने संसार को कई महापुरुष दिए हैं। वीरता की नई परिभाषा गढ़ने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह एवम समस्त विश्व को सुन्य का आभास कराने वाले महान गणितज्ञ आर्यभट्ट भी बिहार की मिट्टी की ही उपज थे।जैन धर्म के अंतिम त्रिथिनकर महावीर का जन्म स्थान भी बिहार ही था ।नालंदा के खंडहर आज भी हमें इस बात का सहज एहसास कराते हैं कि उस युग में जब हवाई यातायात की कोई व्यवस्था नहीं थी और यात्रा के मार्ग दुर्गम हुआ करते थे परंतु फिर भी ज्ञान की पिपासा लिए कई देशों से विद्यार्थी अध्ययन अध्यापन के लिए बिहार आते थे। डॉ धीरज ने कहा कि मां और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है।इस अवसर पर वे सभी बिहार वासियों जो मातृभूमि से दूर हैं उनके लिए भी आज बिहार के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चिंतन मनन का समय है। आगे के कार्यक्रम में विद्यार्थियों के लिए भाषण एवम स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। अजय शर्मा के मार्गदर्शन में आनिशा कृति नेहा आरती वर्षा प्रियंका सुप्रिया अंकिता अंजली पूजा ने रंगोली निर्माण ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम समन्वयक डा अभिषेक कुमार सहायक प्राध्यापक ने किया है।इस मौके पर निखत परवीन अमरेंद्र कुमार सद्रे आलम आदि उपस्थित थे।

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