गया। मंगलवार को विश्व समाजिक कार्य दिवस के अवसर पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में सामाजिक अध्ययन विभाग द्वारा सामाजिक कार्यों एंव विश्व विधालय के छात्रों को पृतपक्ष महासंगम सही मार्गदर्शन प्रशस्त करने हेतु सम्मानित किया गया।इस मगध की भूमि पर कभी नालंदा विश्वविद्यालय हुआ करता था जिसकी शिक्षा दीक्षा का विश्व पर प्रभाव हुआ करता था जिसके इतिहास को हम सभी पढे है।देखे हैं और विश्व विद्यालय का खंडहर हुआ भाग चीख चीख कर अपने इतिहास को बतलाता हो और जब से दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय मगध की भूमि पर जब से विधमान हुआ है तब से मगध के लोग उसी गौरवान्वित पल को महसूस करता है।विश्व विद्यालय का भी यह ध्येय रहा है की विश्व विद्यालय का परिपेक्ष्य कैंपस तक सीमित न हो बल्कि उसका कार्यक्षेत्र मगध क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका प्रदान करे।इसी का परिणाम है चाहे सुदूर इलाकों में जाकर शिक्षा, स्वास्थ्य, व्यवसाय, सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति विश्वविद्यालय के कुलपति, व्याख्याता एंव छात्रों में गहरा लगाव दिखता है और उसे बेहतर करने हेतु वह इन सारी गतिविधियों में जुङकर उसे सहज करते है और साथ हीं छात्र उस पर शोध करते है जिससे वह बेहतर से बेहतरीन हो सके।मुझे कहने में कोई भी अतिशयोक्ति नहीं होगी की दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय नालंदा विश्वविद्यालय के इतिहास को दोहराने का कार्य जरुर करेगा ऐसा सिर्फ मेरे विश्वास से नहीं बल्कि विश्वविद्यालय के ध्येय से भी लगता है।