गया।सतत सामाजिक उत्थान के लिए समर्पित संस्था वंदे मातरम् युवा मिशन द्वारा गया के झुग्गी बस्तियों में शिक्षा का अलख जगाने और संस्था का ध्येय वाक्य ज्योतिर्गमय की संकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से अपने कार्यकर्ता के साथ युवा मिशन कार्यशाला का आयोजन एसपी कोठी स्थित सारंग आर्ट एंड म्यूजिक भवन में किया गया है।इस कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन डॉ आनंद कुमार गोयनका, निशा लाज और अभिषेक आनंद ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।यह कार्यशाला चार सत्रों में रखते हुए,अलग अलग विषयों और वक्ताओं से होकर विद्यार्थी जीवन में कुशल सामाजिक नेतृत्व को दिशा देकर,व्यक्तिगत जीवन रूपी सामान्य लक्ष्य के साथ सामाजिक जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक पहल साबित हुआ है।अतिथि को पौधा स्वरूप साकार भेंट देकर सम्मानित करते हुए,
पहले सत्र के मुख्य वक्ता डॉ आनंद कुमार गोयनका ने सेवा और स्वयंसेवकों का योगदान विषय पर विचार रखते हुए,सेवा की प्रासंगिकता में रामायण काल से चलकर स्वतंत्रता के पहले और अब के भारत में सेवा कार्य में आए बदलाव की ओर इशारा करते हुए,परहित सरिस धर्म नहीं भाई, परपीड़ा सम नहीं अधमाई के भावना रखते हुए नई युवा पीढ़ी को संस्कारवान,कार्य के प्रति ईमानदार और समर्पित होने की बात कही। वहीं क्रमशः दूसरा और तीसरा सत्र गया कॉलेज एनएसएस पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार मिश्रा और गया कॉलेज वूमेन सेल की कन्वेनर डॉ रुन्नू रवि के मुख्य वक्तव्य से सफल हुआ, जहां एक तरफ डॉ राजेश मिश्रा ने युवाओं में नेतृत्व कुशल और जन जागृति की बात कही वहीं डॉ रुन्नु रवि ने युवा वर्ग को वैल्यू एजुकेशन के माध्यम से छात्र जिम्मेदारी, अच्छी या बुरी दिशा में जीवन का महत्व, लोकतांत्रिक तरीके से जीवन यापन, संस्कृति की समझ, महत्वपूर्ण सोच आदि को समझाते हुए, मूल्य शिक्षा का मुख्य उद्देश्य अधिक नैतिक और लोकतांत्रिक समाज निर्माण की बात कहीं है। अंत का चौथा सत्र वंदे मातरम् युवा मिशन के संयोजक अभिषेक आनंद के साथ जिज्ञासा और समाधान के बीच पूरा किया गया है।इस कार्यशाला को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता सुमित,बिपिन साव और सौरव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।इस युवा मिशन कार्यशाला पर दो दर्जन विद्यार्थियों के साथ राजू,अमरजीत, आरभ,भास्कर,सुभाष,रिशु,नयन, उरूज़ तौकीर, तन्नू,प्रियांशु,दीक्षा,स्मृति,रिचा सिंह आदि छात्र–छात्राएं उपस्थित रहें हैं।