आयुष्मान भारत योजना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का आकलन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

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गया।इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित अल्पकालिक अनुभवजन्य अनुसंधान परियोजना के डेटा प्रसार और निष्कर्षों को साझा करने के लिए “बिहार राज्य के लाभार्थियों पर आयुष्मान भारत योजना के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव का आकलन” विषय पर बुधवार 13 मार्चको एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित करने जा रहा है ।जन सम्पर्क पदाधिकारी पीआरओमोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में कार्यशाला का आयोजन अनुसंधान के परिणामों को साझा करने के लिए किया जा रहा है अल्पकालिक परियोजना तीन अलग-अलग विभागों की एक प्रमुख सहयोगी परियोजना है जिसमें विधि एवं शासन विभाग के प्रो. एस.पी. श्रीवास्तव परियोजना निदेशक हैं। परियोजना के सह-परियोजना निदेशक सीयूएसबी के डॉ. अभय कुमार, राजनीतिक अध्ययन विभाग, डॉ. पारिजात प्रधान, समाजशास्त्र अध्ययन विभाग एवं डॉ. पूनम कुमारी, विधि एवं शासन विभाग हैं।यह परियोजना बिहार में आयुष्मान भारत योजना की सफलता पर अनुभवजन्य अध्ययन पर आधारित है। डेटा एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने के बाद इस कार्यशाला का उद्देश्य आम जनता और हितधारकों तक अंतिम डेटा का प्रसार करना है। प्रस्तावित कार्यशाला को चार सत्रों में विभाजित किया गया है, पहले सत्र में उद्घाटन एवं अध्यक्षता कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह करेंगे तथा बीएचयू के अर्थशास्त्र विभाग की है प्रो. मनीषा आशीष मेहरोत्रा प्रमुख वक्ता के रूप में कार्यशाला को संबोधित करेंगी। अगले दो सत्र इस योजना के लाभार्थियों और अन्य हितधारकों द्वारा अध्ययन के निष्कर्षों और अनुभवों को साझा करने पर केंद्रित हैं। अंत में, समापन सत्र में, परियोजना निदेशक, प्रो. एस.पी. श्रीवास्तव द्वारा परियोजना पर समापन टिप्पणी साझा की जाएगी। समापन भाषण सीयूएसबी के वाणिज्य विभाग के प्रो. ब्रजेश कुमार द्वारा किया जाएगा | प्रो. पीयूष कमल सिन्हा, इतिहास विभाग, मगध विश्वविद्यालय, आयुष्मान भारत योजना के समारोह के निष्कर्षों के पक्ष-विपक्षों पर अध्यक्षीय टिप्पणी प्रस्‍तुत करेंगे।

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