लोक अदालत से निस्तारित वादों से भाईचारे को बढ़ावा मिलता है : जिला जज
स्वास्थ्य जाँच शिविर के माध्यम से लोगो को मिला स्वास्थ्य का भी लाभ
औरंगाबाद | जिला विधिक सेवा प्राधिकार,औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में तथा अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया। इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक राज, जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री, पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सुकुल राम, जिला विधि संघ के अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह में लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल, सहित काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण बैंक, बीमा के पदाधिकारीगण अन्य विभागों के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। पुरे कार्यक्रम का संचालन निधि जायसवाल न्यायिक दण्डाधिकारी,प्रथम श्रेणी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में आगंतुको का स्वागत अभिभाषण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम द्वारा किया गया तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जितने भी वादकारीगण यहां आये हैं आप सभी के सहयोग से ही राष्ट्रीय लोक अदालत एक मुकम्मल स्थान को पायेगा उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत के हर गतिविधि को जन-जन तक पहुचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा। राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर किसी का वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसका लाभ सिर्फ वादकारीगण को ही नहीं होता है बल्कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित न्यायालय पर भी मुकादमों का बोझ कम होता है और यह कई तरह के विधि व्यवस्था को कायम रखने में सहायक होता है |
साथ ही जिनका वाद समाप्त होता है दोनों पक्षों के बीच पूर्व से उत्पन्न तनाव खत्म हो जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग के लिए जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से काफी संख्या में नोटिस को ससमय तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है जो इस जिला के लिए अपने आप में रिकार्ड है। इस अवसर पर इनके द्वारा उम्मीद जतायी गयी कि पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत से ज्यादा इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत का निस्तारण होगा। अपने दूसरे संबोधन में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह द्वारा कहा गया कि आज का दिन सौहाद्र को बढ़ाने वाला दिन है और इस अवसर का ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ उठायें। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत पर चर्चा करते हुए कहा कि असहमति को सहमति में बदलना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का उदेश्य है और जिला विधिक सेवा प्राधिकार निरंतर यह कार्य कर रहा है।
जिला विधि के संघ के नव निर्वाचित अध्यक्ष विजय कुमार पाण्डेय द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर आज आपको राष्ट्रीय लोक अदालत में बुलाया गया है तो इसका उदेश्य है कि न्यायालय आपको सजा देना नहीं चाहते और आपका वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से सुलह हो जाता है तो यह किसी की हार और किसी की जीत नहीं है। उन्होंने कई न्यायालय में अपने सुलह के आधार पर निस्तारित वादों का उदाहरण देते हुए कहा कि बस छोटी से पहल की जरूरत है उन्होंने मंच से ही जिला विधि संघ और अधिवक्ता संघ के अधिक्ताओं से अपील किया कि आज के दिन अपने मुवक्किलो को वादों के निस्तारण के लिए प्रेरित करें।
जिला पदाधिकारी श्रीकान्त शास्त्री द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि आज का दिन न्यायिक कार्य में बेहद ही महत्वपूर्ण है आज के दिन सभी तरह के सुलहनीय विवादों को समाप्त करने का दिन है इसलिए जिला पदाधिकारी होने के नाते मैं सभी से अपील करूगा कि इस मौके का अधिक से अधिक लाभ उठायें।अपने सम्बोधन में पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने कहा कि लोक अदालत के अर्थ ही है जनता की अदालत और इसमें कई प्रकार के पुराने मामले को आपसी सौहाद्रपूर्ण वातावरण में निस्तारित किया जाता है और इसमें न्याय निःषुल्क दिया जाता है। उन्होने आगे के भी राष्ट्रीय अदालत के लिए आश्वास्त किये कि जितनी मात्रा में नोटिस प्राप्त होगी उसे तामिला कराने के लिए पुलिस प्रशासन तत्पर रहेगी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक राज ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा किये जाने वाले सभी गतिविधियों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन महत्वपूर्ण स्थान रखता है राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायालय में मनाया जाने वाला एक पर्व का अवसर होता है जहां एक भाईचारे की भावनाऐं पुनः पक्षकारो के बीच स्थापित हो इसका प्रयास किया जाता है। आपको पता है कि मार्च का महिना है और कुछ ही दिन बाद होली का उत्सव पुरे उत्साह के साथ मनाया जायेगा एवं होली का त्योहार भी प्रेम, सौहाद्र, हंसी मजाक का त्यौहार होता है जिसमें लोग अपने पुराने विवादो को भूलकर आपसी सौहाद्र कायम करते हैं कुछ इसी तरह का उदेश्य हमारा राष्ट्रीय लोक अदालत का है जिसमें वर्षो पुराने विवाद को दर किनार करने की जरूरत है एवं इस अवसर पर हमलोगो से यह अपील करेंगें कि अपने पुराने विवादो को भूलाकर कल के दिन एक नई सुबह का आगाज करें एवं भाईचारे के साथ जीवन की नई अनुभूति को अनुभव करें। राष्ट्रीय लोक अदालत में जो भी वाद आते हैं वह कहीं से ऐसे विवाद नहीं होते है जिसे खत्म नहीं किया जा सके। छोटो-छोटे वाद होते हैं जो सिर्फ आपसी अहम के कारण वहम पालकर रखते हैं और अपना किमती समय और पैसे को बर्बाद करते हैं। जरूरत है एक विवाद मुक्त समाज का निर्माण जिसके लिए आज का दिन शुभ माना जा सकता है।
जिला जज ने मीडिया के बन्धुओं का भी स्वागत करते हुए कहा कि जिस प्रकार आपका सहयोग विगत कई माह, कई वर्षो से जिला विधिक सेवा प्राधिकार को मिल रहा है वह आगे प्राप्त होता रहे ताकि जिला विधिक सेवा प्राधिकार जन-जन तक लाभ पहुचाकर अपने उदेश्य को सार्थक साबित करता रहें। कई दशको पुराने मामलें का भी हुआ निस्पादन। यह राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामलें में अविष्मरनीय रहा इस लोक अदालत में जहा अपने वाद के निष्पादन में अपने कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित किया वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामले का निष्पादन हुआ जो दशको पुराने थे जिनमें प्रमुख रूप से परिवाद पत्र संख्या 946/2000 था जो लगभग 24 साल पुराना था और सिर्फ छोटी विवाद का था जिसकी पृष्ठभूमि में छोटी सी भूमि था और इसके लिए 427,379 जैसे धाराओं के तहत था उक्त वाद ग्राम- मेह, थाना- बारुन से सम्बन्धित था ऐसे दर्जनों वाद दशको पुराने समाप्त हुए |
राष्ट्रीय लोक अदालत में रिकॉर्ड 2163 वादों का निष्पादन के साथ कुल लगभग 5 करोड़ 61 लाख रूपये का समझौता कराया गया| न्यायालय में लंबित मामलों के निष्पादन का बना रिकॉर्डकुल 505 लंबित मामलों का निस्तारण| राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 06 वादों में कुल 44 लाख 75 हजार रूपये का समझौता कराया गया| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 13 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 483 वाद, एन आई एक्ट के 03, मामलों में 28 लाख 70 हजार का समझौता, टेलीफ़ोन के 7 मामलों में कुल 46326 हजार का समझौता हुआ, माप तौल 5 मामले इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 222 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 1366 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 4 करोड़ 14 लाख रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया इस तरह कुल 2163 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 5 करोड़ 61 लाख रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के मामले में न्यायालय से जुड़े मामलों में ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है|
पिछला रिकॉर्ड 466 न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन का था जो बढ़ कर 505 वादों का निष्पादन हुआ|लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 505 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद को निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश का मार्गदर्शन और सभी न्यायिक पदाधिकारियों, वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं लोक अदालत से जुडें समस्त लोगों के सहयोग से संभव हुआ है इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद।इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के उप प्रमुख विधिक रक्षा परामर्श प्रणाली अभिनन्दन कुमार, कर्मी सुनील कुमार सिंह, परसुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल, सुनील कुमार सिन्हा, और सहयोगी नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही| स्वास्थ्य जाँच शिविर के माध्यम से लोगो को मिला स्वास्थ्य का लाभ।राष्ट्रीय लोक अदालत की मुख्य विशेषता यह रहा की राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जाँच शिविर का आयोजन विधिक सेवा सदन में किया गया था जिसमे सुगर, विपी,हिमोग्लोविन के साथ साथ चिकित्सीय जाँच और दवा का वितरण,इत्यादि प्रमुख सुविधावों से वादकारियों के साथ साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया इस चिकित्सीय जाँच एवं दवा वितरण में डा प्रवीण कुमार, तथा स्वास्थ्य कर्मी रिंकू कुमारी, ज्योति कुमारी, पूनम कुमारी, रेखा कुमारी, अर्चना कुमारी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया |