नए पुल का एप्रोच रोड़ नही बनने के कारण सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर बाधित रहा आवागमन

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बारिश से डूबा संजय नदी पर बना छोटा पुलिया , पानी घटा तो पुल हो चुकी थी जर्जर ,प्रशासन द्वारा घंटों मसक्कत के बाद सरायकेला-खरसावां मार्ग पर आवागमन हुआ सामान्य

रति रंजन
सरायकेला प्रतिनिधि
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सरायकेला / लगातार हुए बारिश से संजय नदी का जल स्तर काफी बढ़ने से गुरुवार को सरायकेला-खरसावां मुख्य मार्ग पर खापरसाई के पास स्थित संजय नदी का पुल गुरुवार को दिन भर डूबा रहा. इससे दिन भर सरायकेला-खरसावा. मुख्य मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप रहा. खरसावां व कुचाई का जिला मुख्यालय सरायकेला से सीधा संपर्क कट गया. आज शुक्र वार को पुलिया से पानी घटने के बाद स्थिति कुछ और ही बयां कर रही थी, पुल क्षतिग्रस्त हो चुका था,पुल के ऊपर का पिच पूरी तरह से उखड चुका था। जिसके कारणखरसावां ,कुचाई के लोगों का पूरी तरह से जिला मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ था।जानकारी मिलने पर संज्ञान लेते हुए तत्काल पथ निर्माण विभाग के अभियंता एवं प्रशासनिक पदाधिकारी गण उक्त स्थल पर पहुंचे एवं पुल की मरम्मती करवाई ।तत्पश्चात आवागमन सुचारू रूप से चालू किया गया।
खापरसाही में संजय नदी पर एक ओर पुल पिछले सात-आठ साल से अधुरा पड़ा हुआ है. करीब सात करोड़ की लागत से बने इस पुल के एक छोर में पहुंच पथ बन गया है, जबकि दूसरे छोर का पहुंच पथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण
नही बन पाई है जिस कारण संजय नदी पर बने इस उच्च स्तरीय पुल का एप्रोच रोड़ नहीं बनने के कारण इस पुल पर भी आवागमन नहीं हो पा रहा है।एप्रोच रोड़ बना होता, तो बारिस के कारण छोटा पुलिया डूबने की स्थिति में सरायकेला-खरसावां मार्ग पर आवागमन बाधित नहीं होता. पुरानी पुल जर्जर होने, गार्डवाल टूट जाने के कारण ही करीब सात आठ साल पहले खापरसाई के पास संजय नदी पर उच्च स्तरीय पुल का शिलान्यास कर कार्य शुरु कराया था. पुल का निर्माण का पांच साल पहले ही पूर्ण हो गया है, एप्रोच रोड़ बनने के बाद लोग नये पुल से आवागमन कर सकेगे. आवागमन में सहुलियत होगी.  

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