मित्र वही जो आपके भाव को समझे – उपेंद्र कृष्ण परासर

श्रीमद्भागवत कथा रस धारा का सप्तम दिवस

भूली। भूली डी ब्लॉक दुर्गा मंदिर प्रांगण में श्रीमदभागवत कथा रस धारा के सप्तम दिवस पर कथा वाचक उपेंद्र कृष्ण परासर जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के विवाह कथा और सुदामा की मित्रता वाचन किया।
उपेंद्र कृष्ण परासर जी महाराज ने अपने कथा में कहा कि भगवान श्री कृष्ण के विवाह को लेकर रोचक कथा है। जिसमे भगवान दस हजार एक सौ आठ विवाह करते हैं। वस्तितः भगवान श्री कृष्ण ने उतने ही स्त्रियों की सम्मान रक्षा की थी।और सुरक्षा का वचन दिया था।
उपेंद्र कृष्ण परासर जी महाराज ने सुदामा से श्री कृष्ण के मित्रता को लेकर कहा की मित्र वही है जो दूसरे मित्र के भाव को समझे, मन को समझे और।स्वार्थ लोभ से मुक्त हो। मित्रता सदमार्ग पर ले जाने वाला हो। मित्र ऐसा हो को पाप से बचा ले, स्वार्थी होने से बचा ले, मित्र ऐसा हो जो आपके कहे बिना आपके सुख को आपके दुख को समझ ले। जहां धन बाधा न बने, बड़े छोटे का भेद न हो वही मित्रता है और सुदामा से श्री कृष्ण की मित्रता ऐसी ही थी।
उपेंद्र कृष्ण परासर जी महाराज ने कथा वाचन के दौरान कही की भक्ति ऐसी कीजिए की दुनिया का सुध ना रहे। सतकर्म कीजिए, माता पिता का सम्मान कीजिए, स्त्री का सम्मान कीजिए।।जीवन तभी सफल होगा।
श्रीमद्भागवत कथा रस धारा की आयोजन जूही शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में सैकड़ों भक्त शामिल हुए और श्रीमद्भागवत कथा रस धारा का आनंद लिया। सात दिवसीय आयोजन में भक्ति की धारा से भूली नगरी के भक्त भाव विभोर होते रहे। बच्चो और युवाओं ने भी श्रीमद्भागवत कथा का ज्ञान प्राप्त किया |

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