धनबाद। दिवाली पर पटाखों के लिए सबसे अधिक जिद बच्चे ही करते हैं, जबकि पटाखे उनके ही स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक होते हैं। डॉक्टर बालेश्वर कुशवाहा सलाह देते हैं कि दिवाली के मौके पर बच्चों को पटाखों से दूर रखें, नहीं तो उन्हें पूरी उम्र का दर्द मिल सकता है। पटाखों और फुलझड़ी के धुएं से बच्चों की आंखों और फेफड़े पर काफी गंभीर असर पड़ता है। दिवाली दीपों का पर्व है इसलिए इस मौके पर दीप ही जलाने चाहिए। दिवाली पर बच्चे पटाखों के लिए जिद करते हैं तो लोग उन्हें फुलझड़ी लाकर दे देते हैं। ऐसा माना जाता है कि फुलझड़ी नुकसान नहीं पहुंचाती है। मगर फुलझड़ी और अनार से निकलने वाले धुएं से सल्फर डाई आक्साइड और नाइट्रोजन डाई आक्साइड निकलती है, जोकि बच्चों की आंखों से लेकर उनके फेफड़े तक को नुकसान पहुंचाती है। बच्चों को पटाखों और फुलझड़ी से दूर ही रखें।