थोड़ी सी लापरवाही से जलने की आशंका – डॉ चौधरी


धनबाद। डॉ अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि आतिशबाजी के दौरान थोड़ी सी लापरवाही होने पर जलने की आशंका रहती है। पटाखों के धुएं से बच्चों की सेहत को ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। धुएं के कारण पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अस्थमा होने का डर रहता है। इसलिए इक्रो फ्रेंडली दिवाली मनाते हुए लोगों को जागरूक करें।
डॉ अजीत कुमार चौधरी ने कहा कि दिवाली खत्म होने के बाद बच्चों की आंखों में जलन और लालीपन की शिकायत रहती है। इसकी वजह पटाखे और फुलझड़ी के धुएं होते हैं। बच्चों को पटाखों के साथ फुलझड़ी के धुओं से बचाना चाहिए। अक्सर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। इससे बच्चों की आंखों की रोशनी जाने का डर बना रहता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों के फेफड़े कमजोर होते हैं। ऐसे में पटाखों, फुलझड़ी और अनार से निकलने वाला धुआं फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंचाता है। बच्चों को इनसे दूर रखना चाहिए। बच्चों के आसपास पटाखे तो बिल्कुल न फोड़ें, क्योंकि वह आवाज सुनकर डरते हैं। इससे उन्हें ज्यादा खतरा रहता है। पटाखों से निकलने वाले धुएं से बच्चों को दमा के अटैक का खतरा रहता है। सांस लेने के दौरान बच्चों के अंदर जो धुआं प्रवेश करता है, उसमें कॉर्बनमोना आक्साइड रहता है, जो फेफड़ों को कमजोर कर देता है। खासकर एलर्जी वाले बच्चों को सबसे अधिक दिक्कत होती है। इसलिए इक्रो फ्रेंडली दिवाली मनाते हुए तेल के दीपक जलाएं।

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