लोकल उत्पाद को प्राथमिकता मिले – सुमेश कुमार साव उर्फ गामा


भूली। दीपावली का पर्व हिंदू धर्म बहुत पवित्र माना गया है । जिसकी तैयारी लोग कई दिन पूर्व से करते हैं। घरों की सफाई और सजावट के साथ मिठाई और पटाखों का विशेष उपयोग किया जाता है। कई सामाजिक संगठन दीवाली को इको फ्रेंडली बनाने के लिए ग्रीन पटाखा और मिट्टी के दिया का उपयोग को प्राथमिकता देते हैं। हमे इस दिवाली को सुरक्षित रूप से मनाने के लिए ग्रीन पटाखा का उपयोग करना चाहिए और मिट्टी के दिया को प्राथमिकता देना चाहिए। आज बाजार में रंगीन बल्ब का उपयोग किया जाता है। ऐसे में मिट्टी के दिया का उपयोग कम हो गया है। जबकि मिट्टी का दिया हमारे समाज में कुम्हार वर्ग का विशेष रोजगार का साधन है। स्थानीय स्तर पर हमे उन्हें बल देने की जरूरत है जिसे दिया का उपयोग कर दिया जा सकता है।

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