गरीबों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती थी स्व. विंघ्यावासिनी देवी

सासाराम (रोहतास)। कुछ लोग बहुत कम समय के लिए इस दुनिया मे आते हैं और सीमित समय मे ही समाज मे नैतिकता एवं सामाजिकता की कई मिशाल कायम कर परलोक सिधार जाते है और उनका स्थान सदैव के लिए रिक्त रहकर समाज को मार्गदर्शित करते रहता है।नेशनल सीनियर सिटीजन एसोसिएशन की पूर्व वरिष्ठ सदस्या स्व. विंघ्यावासिनी देवी भी ऐसे लोगों में ही एक थी। जिले के चेनारी प्रखण्डतर्गत पांडेय डीही के मूल निवासी व प्राथमिक विद्यालय डीही (अब उत्क्रमित मध्य विद्यालय) की स्थापना तथा ग्राम डीही से ग्राम कझांव को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण में अपनी निजी जमीन दान देने वाले भूमिदाता स्व.पंडित रामव्यास पांडेय की पुत्रवधू व संगठन के वर्तमान राष्ट्रीय महासचिव रामायण पांडेय “एलौन” की धर्मपत्नी स्व. विन्ध्यवासिनी देवी सन 2012 में इस एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण किया था तथा आजीवन बुजुर्गों की सेवा में संगठन का सहयोग करती रही। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही की उन्होंने अपने पुत्रों व परिवार को भी सामाजिक सरोकार, सेवा तथा अपने बुजुर्गों का हमेशा आदर करने की संस्कार दिया तथा परिवारिक दायित्व अपने ऊपर ले अपने पति को सामाजिक कार्यों के लिए मुक्त रखा। वे हमेशा गरीबो की ख्याल रखती थी और अपनी हैसियत के अनुसार उनकी सदैव मदद करती रहती थी। लेकिन कहा गया है की नेकदिल इंसान को भगवान अपने पास जल्द ही बुला लेते है, स्व. विंध्यवासिनी देवी के साथ भी वैसा ही हुआ। 22 सितम्बर 2017 का दिन संगठन, समाज,उनके परिवार व शुभचिंतको के लिए काला दिन साबित हुआ, हृदयगति रुक जाने के कारण वै असमय ही सबको रुलाकर चिर निंद्रा में तो विलीन गई लेकिन अपने नेकदिल की वजह से वै आज भी अमर है।उनकी समाज सेवा की यादों को जारी रखने के लिए 2018 में चेनारी के तत्कालीक प्रखण्ड विकास पदाधिकारी नीरज आनन्द तथा अतिरिक्त जिला जज आशुतोष कुमार की पहल पर उनके पैतृक ग्राम में “स्मृति हॉल” का निर्माण कराया गया है जो गांव एवं समाज के लोगों के काम आ रहा है वही गांव के मुख्य सड़क पर “स्व. विन्ध्यवासिनी देवी स्मृति प्रवेश द्वार” का भी निर्माण कराया गया है जो उनकी कीर्ती की स्तम्भ है।आज वे भले ही इस दुनिया में नही है लेकिन आदर्श के रूप में समाज को मार्गदर्शित कर रही है।शुक्रवार को उनकी छठवीं पुण्यतिथि पर उन्हें विभिन्न जगहों पर याद कर श्रद्धा-सुमन समर्पित किया जा रहा है।

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