धनबाद। धनबाद जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सतपाल सिंह ब्रोका ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का विजन राजीव जी के सपनों में था जिसके तहत 2008 में डाक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सबसे पहले महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में लेकर आई 2010 भारी मतों से पारित कर लोकसभा में भेजा था अगर मोदी सरकार की मानसिकता होती तो 2014 में आते ही इसे लोकसभा में पास कराकर भेज देती जिसकी जनगणना 2021 में हो जाती तो महिलाओं को अब तक इसका लाभ मिलता
लेकिन नाम बदलकर श्रेय लेने की आदत भाजपा सरकार की शुरू से ही रही है आज आड़े नो वर्षों में भाजपा सरकार के पास जनता के बीच जाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है जिसके कारण राजनीतिक मजबूरी है आगामी 2024 में होने वाली लोकसभा चुनाव के चलते नाम बदल कर नारी शक्ति वंदन विधेयक लाना पड़ा बिल के प्रावधान में दो पेंच लेकर जनगणना और परिसीमन जो की होते होते 15 वर्ष बीत जाएंगे । मोदी सरकार का मकसद इस बिल के जरिए सुर्खियां बटोरना है यह एक चुनावी स्टंट प्रतीत होता है कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत समर्थन देकर इस बिल को पास कराया है