हिंदी दिवस के अवसर पर पूनम शर्मा की कविता

हिन्दी

हिन्दी हिन्दुस्तान की बिंदी है
सारा श्रृंगार कर लो,
कुछअधूरा ,
कुछ सूना सूना लगता है,
लाल लाल बिंदी के लगते ही
चेहरा खिल उठता है
वाह रे हिंदी !
चमकती दमकती
हिंदुस्तान की बिंदी,
विदेशों में भी
हिन्दी भाषी को देखते ही
मन गदगद, निहाल हो जाता है,
सहोदर लगने लगता है
हिंदी भाषी,,,,
ये चमत्कार ही तो है हिंदी का,
शब्दों से करीब आती
हाथ नहीं मिलाती,,,,,,
दोनों हाथों को जोड़ती
संस्कृति को दर्शाती,
हिन्दी ही उजागर करती
दिल का दर्द , खुशी
गरीबों का पसीना,
अमीरों की खुशहाली,
सबके लिए उचित,
शब्द चयन हिंदी,,,,
प्रधानमंत्री जी के भाषण को
जन सम्पर्क का साधन बना
शब्द दर शब्द दिल में ग्रहण करने को,,,,,
संस्कृत जननी है हिन्दी की,
तंत्र ,मंत्र ,ग्रंथ सब समाहित हैं इसमें
ये हिंदी है जो हिन्दुस्तान के माथे पर,
बिंदी सी सुशोभित है
जय हो हिन्दुस्तान और
जय हो इसकी हिन्दी !!!

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