लॉकडाउन में मजदूरों की हालत बेहद खराब -अजय चौधरी

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धनबाद। 1 मई मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। मजदूर जिनसे हमें खाद्य सामग्री राहत कार्य कल कारखाने बड़े-बड़े सड़क निर्माण के कार्यों में सहायता मिलती है। मजदूर जिनका पंजीकरण अनिवार्य है परंतु सभी मजदूरों का पंजीकरण नहीं हुआ है जिस कारण उन्हें सरकार द्वारा दी गई राहत उपायों का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। मजदूरों की एक बड़ी संख्या हर प्रकार से असहाय स्थिति में है। उक्त बातें अजय चौधरी उर्फ गुड्डू चौधरी ने मजदूर दिवस पर अपना विचार साझा करते हुए कहा कि आज मजदूर दिवस पर शायद पहला अवसर होगा जब कोई बड़ी सभा रैली संगोष्ठी अथवा प्रदर्शन का आयोजन नहीं हो पाएगा। कोरोना के सीधे संक्रमण की हद में शायद मजदूर वर्ग सबसे कम आया लेकिन इसके चलते हुए विश्व व्यापारिक लॉकडाउन में मजदूरों की हालत बेहद खराब कर दी है। इसका सबसे अधिक असर असंगठित क्षेत्र में मजदूरों पर पड़ा है। कोविड 19 संकट से उबरने के कई साल बाद तक भी इसका दुष्परिणाम मजदूर वर्ग को भुगतना होगा नगरिय और उपनगरीय क्षेत्र में जहां मनरेगा नहीं है वहां के मजदूरों के लिए रोजगार योजना लाए जाने की आवश्यकता है। स्वरोजगार की छोटी इकाइयों को प्रोत्साहित करके उसमें अधिकतम रोजगार की योजना से मजदूरों के वर्तमान संकट से निजात पाई जा सकती है। बड़े उद्योगों को आगे आना होगा जिससे मजदूरों और कारीगरों को स्थानीय स्तर पर काम मिले। अगर सरकार उद्यमी मजदूर और किसान एक साथ मजबूती से खड़े होकर इस संकट से उबरने की ईमानदारी से कोशिश करे तो निसंदेह अगले वर्ष मजदूर दिवस के दिन तक हम उत्साह मनाने की स्थिति में होंगे।

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