शिक्षा का अधिकारऔर सामाजिक सम्मान को लेकर पैदल दिल्ली मार्च

उषा को न्याय दो

कतरास। तेतुलमार के शक्ति चौक से दिल्ली राजभवन एक पैदल यात्रा पर बुधवार को रघुनंदन बाउरी रवाना हुआ।
रघुनंदन बाउरी करीब 1200 किलोमीटर पैदल यात्रा कर दिल्ली राजभवन पहुंचेगा और महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर अपने अधिकार को लेकर बातों को रखेंगे।
रघुनंदन बाउरी तेतुलमारी की छात्रा उषा बाउरी को आत्महत्या के लिए बाध्य किए जाने और शिक्षा के अधिकार से वंचित करने को लेकर पैदल यात्रा कर रहे हैं। उषा बाउरी को उसके विद्यालय की शिक्षिका द्वारा शिक्षा त्यागने और छात्रा के साथ उसकी मां को सामाजिक रूप से अपमानित करने की घटना में 10 जुलाई 2023 को उषा बाउरी ने आत्महत्या कर ली थी।
रघुनंदन बाउरी ने यात्रा से पहले कहा कि बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ने संविधान में शिक्षा का अधिकार और सामाजिक न्याय, सम्मान का अधिकार दिया। मगर आज भी कुछ लोग हमारे अधिकारों का हनन कर रहे, सामाजिक रूप से अपमानित किया जा रहा है। एक मां को यह कहना कि बर्तन मांजती हो बेटी को भी यही सिखाओ। यह सामाजिक न्याय का घोर हनन है। इस उत्पीड़न के खिलाफ तेतुलमारी के शक्ति चौक से दिल्ली तक पैदल यात्रा कर राजभवन में मननिया राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू से मिलकर शिक्षा से वंचित करने, आत्महत्या करने को बाध्य करने और सामाजिक रूप से अपमानित करने की घटना की निष्पक्ष जांच और कड़ी कार्यवाई की मांग रखूंगा।

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