इंजिनियरिंग का स्थापना कार्य कार्मिक विभाग के हवाले

धनबाद। रेलवे में इंजिनियरिंग विभाग के कर्मचारियों जैसे ट्रैक मेन्टेनर,ट्राली मैन, गेटमैन आदि की सर्विस पुस्तिका, पदोन्नति प्रक्रिया तथा वरीयता अपने अपने ही सहायक मंडल अभियंता के अधीन ही सीमित है ‌। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन पर स्वयं के अनुरोध पर स्थानांतरण कराना कठिन है। जबकि अन्य विभागों के कर्मचारियों की मंडलीय वरीयता होती है और वे मंडल में अपने इच्छा के अनुसार के स्टेशन पर अपनी पदस्थापना और स्थानांतरण करवा सकते हैं जिसे उनके मंडलीय शाखा अधिकारी स्वीकृति प्रदान करते हैं। 
       उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के अपर महामंत्री सह धनबाद मंडल के पी एन एम प्रभारी मो ज़्याऊद्दीन ने बताया कि ईसीआरकेयू काफी समय से इस दोहरी नीति का प्रतिरोध करते आ रहा था। ट्रैक मेन्टेनर कटेगरी को भी बाकी अन्य कटेगरी के समान ही मंडलीय वरीयता का लाभ दिलाने, समयानुसार पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने तथा सेवानिवृत्ति पर परिलाभों का त्वरित निस्तारण करने आदि को सुलभ कराने की व्यवस्था के तहत यूनियन ने रेल प्रशासन के समक्ष यह मांग रखी कि इंजिनियरिंग विभाग के समस्त स्थापना कार्य को मंडलीय स्तर पर कार्मिक विभाग के सुपुर्द कर दिया जाए। इस संबंध में कोई स्पष्ट नीति नहीं रहने के कारण इस मांग को रेलवे बोर्ड स्तर पर ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के द्वारा रेलवे बोर्ड पी एन एम में उठाया गया। जहाँ विस्तृत चर्चा के पश्चात इसे लागू करने के लिए आदेश जारी किए गए । रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश संख्या - 2018/ ट्रांस सेल / एस एंड टी/ इस्टैब्लिश मैटर पार्ट वन दिनांक- 28.12.2020 के तहत इंजिनियरिंग विभाग के स्थापना संभाग को मंडल स्तर पर कार्मिक विभाग के अधीन सुपुर्द करने के दिशा निर्देश जारी किए थे परंतु मंडलों में इसको लागू करने के प्रति जोनल अधिकारियों ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। ईसीआरकेयू ने महाप्रबंधक हाजीपुर के साथ होने वाले पी एन एम की बैठकों में निरंतर इसे लागू करने के लिए मांग को उठाया। विभिन्न अवसरों पर चर्चा के बाद सहमति बनी लेकिन हर बार संबंधित अधिकारी मामले को टालते रहे। तब 17 अप्रैल को ईसीआरकेयू की वर्किंग कमिटी की बैठक में सदस्यों ने इस विषय पर कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया। बैठक में केन्द्रीय अध्यक्ष डी के पांडेय तथा महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव को इस विषय के समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किया गया। दोनों शीर्ष नेतृत्व ने उच्च स्तरीय पदाधिकारियों से बात करते हुए उक्त प्रकरण पर मंडलों को निर्देश जारी करने के लिए दबाव बनाया । अंततः दिनांक 24 अप्रैल को मुख्यालय हाजीपुर से पत्र जारी किया गया। इसके अंतर्गत इंजिनियरिंग विभाग के स्थापना विषयक को मंडल स्तर पर कार्मिक विभाग को सुपुर्द करने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित नियमों के अधीन कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। 
       मौके पर उपस्थित केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह जोनल सेक्रेटरी एआईआरएफ ओ पी शर्मा ने कहा कि इस आदेश के लागू होने पर इंजिनियरिंग विभाग के कर्मचारी को भी अन्य विभाग के कर्मचारियों के समतुल्य मान सम्मान मिल जाएगा और उन्हें सेवाकाल में मिलने वाले  विभिन्न लाभ ससमय मिल जाया करेगा। ईसीआरकेयू ने इसकी प्राप्ति के लिए लम्बा संघर्ष किया है। कुछ अन्य संगठन अंग्रेजों के समय से चले आ रहे इस कार्यशैली को समाप्त करना असंभव बता रहे थे । लेकिन ईसीआरकेयू और एआईआरएफ ने निरंतर लड़ना सीखा है और सफलता भी प्राप्त किया है। कुछ संगठन लड़ना नहीं चाहते मात्र ईसीआरकेयू की बुराई में लगे रहते हैं उनकी पहचान अब सार्वजनिक हो चुकी है। रेलकर्मियों के दिलों में ईसीआरकेयू ने व्यापक स्थान बना लिया है। उन्होंने कहा कि इस नये प्रावधान से इंजिनियरिंग विभाग में अंग्रेजी कार्यशैली और मानसिकता का अंत हो जाएगा। 
       इस अवसर पर धनबाद मण्डल के सभी शाखा का प्रतिनिधि उपस्थित थे जिसमे बसंत कुमार दुब,नेताजी सुभाष,एनके खवास, सोमेन दत्ता,इंद्रा मोहन सिंह,बीके साव,बीबी सिंह,बीके झा,चन्दन कुमार शुक्ला,सुनील कुमार सिंह,एम .पी महतो,आरएन चौधरी,अजीत कुमार मण्डल,भीकेडी द्विवेदी और सीपी पाण्डेय प्रमुख है।

Categories:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *