कतरास। देव कुमार वर्मा पाठशाला के संस्थापक अपने वेतन से सैकड़ों बच्चों को पिछले 5 वर्षों से निरंतर शिक्षा निशुल्क मुहैया करा रहे थे। आर्थिक तंगी होने के वावजूद अपने पाठशाला के बच्चों को शिक्षा से साथ ना छोड़ना पड़े इसके लिए वर्मा ने अपने निशुल्क विद्यालय पाठशाला के लिए मित्रों से मदद की गुहार लगाई थी ।और कई मित्र सामने आकर मदद के लिए तैयार भी हुए l
रविवार को इसी आयोजन की जानकारी देते हुए देव वर्मा ने बताया कि कुल 105 बच्चों को करीब 70 सज्जनों द्वारा गोद लिया गया है जिसमें किसी ने 5 बच्चे तो किसी ने एक बच्चे को गोद लिया है l इस गोद लेने में कुल खर्च मात्र ₹500 मासिक प्रति छात्र देना तय हुआ है l
देव कुमार वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि इस लॉकडाउन में सभी की परिस्थिति बहुत बिगड़ी है और लाखों का खर्च प्रति वर्ष विद्यालय के संचालन में होता था। जिन्हें उनकी सैलरी से वहन करना लगभग नामुमकिन हो गया था
लेकिन दोस्तों से मदद की गुहार पर कई दोस्त और उनकी जानने वाले सामने आए l इसमें कई आला आईएएस अधिकारी से लेकर कई सिविल जज कई इंजीनियर और आमजन मौजूद है l
आज इसी आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य मदन मोहन मिश्रा , विशिष्ट अतिथि के रूप में गुरुकुल संस्थान के रंजीत सिंह , जमुआ मुखिया प्रतिनिधि , रोटी बैंक धनबाद के अध्यक्ष सनी सिन्हा और संस्कार ज्ञानपीठ के मुकेश राय मौजूद रहे l
मदन मोहन मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि देव वर्मा की कार्य किसी भी कार्य से तुलनात्मक नहीं है उनकी लगन और इस जज्बे के कारण इन कोयला चुनने वालों के बच्चों को एक नया भविष्य मिला है उन्होंने बच्चों को मन लगाकर पढ़ाई करने की हिदायत भी दी l
गुरुकुल संस्थान के निदेशक रंजीत सिंह ने अपने संबोधन में सभी बच्चों को दसवीं के बाद अपने संस्थान में निशुल्क 11वीं और 12वीं की तैयारी करने के लिए भी अपना सहयोग देने की बात कही l
आज के इस एजुकेशनल किट वितरण में 105 बच्चों के बीच स्कूल बैग, एनसीआरटी पर आधारित किताबें, नोटबुक, स्कूल डायरी तथा अन्य शिक्षण संबंधित सामग्री बच्चों को वितरित किया गया
इस आयोजन में संचालक के रूप में पाठशाला के संस्थापक और बीसीसीएल के प्रबंधक देव कुमार वर्मा ने अहम भूमिका निभाई l
इस आयोजन में पाठशाला के प्रधानाचार्य जय प्रकाश सिंह शिक्षक प्रकाश महतो ,नीलकंठ महतो ,सुनील सरकार, प्रिया कुमारी, संगीता कुमारी ,बबीता कुमारी और लीलू कुमार और पाठशाला एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टी गोविंद सुनार का सराहनीय योगदान रहा l