15 जून तक लेमन ग्रास की खेती तथा मशीन संस्थापन का कार्य सुनिश्चित करावे जिलाधिकारी

   गया। समहाराणालय सभाकक्ष में विशेष केन्द्रीय सहायता योजना आने वाले योजनाएं की समीक्षा बैठक ज़िला पदाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में की गई है। इस बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि पुलिस बिल्डिंग निर्माण निगम विभाग द्वारा 02 योजना लगभग 1 साल पहले से स्वीकृत है। लेकिन अब तक कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है।जिस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला योजना पदाधिकारी को निर्देश दिया कि योजना के निर्माण हेतु आवंटित किए गए राशि को वापस लेने की कार्रवाई करें।
वही शसीआरपीएफ के 159 वीं बटालियन के कमांडेंट ने बताया कि गया सेंट्रल जेल के समीप सीआरपीएफ कैंप में 300 क्षमता वाले बैरक का निर्माण कार्य काफी धीमी प्रगति है,अभी के समय में 2 माह से कार्य भी बंद किया हुआ है। जिला पदाधिकारी ने पुलिस निर्माण निगम विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया कि वैसी योजनाएं जिनका टेंडर हो चुका है और वर्क आर्डर निर्गत है, परन्तु कार्य प्रारंभ नहीं किया है। एवं आधा कार्य करके भागा हुआ है। वैसे संवेदक के विरुद्ध काली सूची में डालने का कार्य करें।
शनिवार के आज बैठक में कृषि विभाग द्वारा लगाए जा रहे लेमनग्रास के संबंध में जानकारी लेने पर जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि छोटे-छोटे किसानों को लेमन ग्रास की खेती से जोड़ने हेतु किसानो को जागरूक एवं प्रेरित करें। जिला कृषि पदाधिकारी के प्रतिनिधि ने बताया कि बांके बाजार, गुरुआ एवं बाराचट्टी में कुल 90 किसानों को चिन्हित कर लगभग 120 एकड़ में 6 कलस्टर बनाकर उसमें लेमनग्रास खेती के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि 15 जून तक लेमन ग्रास की खेती तथा मशीन संस्थापन का कार्य सुनिश्चित करावे। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को विशेष निगरानी रखी जानी है, जिसे लेकर जिला पदाधिकारी ने डीपीएम स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत 500 गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर एनीमिया से निजात हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं कार्य योजना तैयार करें। प्रायः यह देखा गया है कि स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार लगभग 64% गर्भवती महिलाओं में एनीमिया रहने के कारण डिलीवरी के दौरान काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कुछ राज्यों में गर्भवती महिलाओं को एनीमिया से निजात हेतु विशेष कार्य किए जा रहे हैं। उसी के तर्ज पर गया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी आगनबाड़ी केंद्र को नोडल बनाकर जीविका, स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस के संयुक्त रूप से जोड़कर एनीमिया मुक्त बनाने हेतु गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कार्य प्रारंभ करें।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों को मॉडल बनाया जाए। इसके लिए और बेहतर व्यवस्था करने की आवश्यकता है। आगे कहा कि गर्मी के मौसम में छोटे-छोटे बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने में कठिनाई ना हो इसके लिए प्रथम फेज में 50 आंगनवाड़ी सेंटर को सौर ऊर्जा के साथ जोड़ा जा रहा है। ब्रेडा के पदाधिकारी एवं डीपीओ आईसीडीएस को निर्देश दिया कि आंगनबाड़ी केंद्र में सोलर प्लेट के साथ बल्ब एवं पंखा लगाने के लिए एक प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया गया है। जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इस गर्मी के मौसम के पहले जिले के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, टॉयलेट और पंखा को पुरी तरह से ठीक करवाएं। इसके साथ ही जिले के सभी सरकारी विद्यालयों में खराब पड़े चापाकलो की सूची 1 सप्ताह के अंदर उपलब्ध करावे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में जहां पेयजल की व्यवस्था नहीं है उस विद्यालयों में बोरिंग, टंकी, नल का कनेक्शन, आर० ओ० वाटर एवं टॉयलेट का निर्माण के लिए सर्वे कराते हुए प्रस्ताव भेजें, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र के उन विद्यालयों में पेयजल तथा टॉयलेट को पूरी तरह से दुरुस्त किया जा सके।
इस बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक, जिला योजना पदाधिकारी, कमांडेंट सीआरपीएफ, कमांडेंट एसएसबी और सभी लाइन डिपार्टमेंट के पदाधिकारी एवं अभियंता उपस्थित थे।

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