गिरिडीह : गिरिडीह जिले के पंचायतों में 14वें वित्त आयोग की राशि से खरीदारी एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी घोटाला हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव सह निदेशक आदित्य रंजन ने गिरिडीह के डीसी राहुल कुमार सिन्हा को इसकी जांच कराकर दोषी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तथा आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने इस पर जिले के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने-अपने प्रखंड के सभी पंचायतों में किए गए इन कार्यो की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित करें। साथ ही जांच कमेटी को 15 अप्रैल तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
डीसी ने यह भी कहा है कि यदि जांच में बड़ी गड़बड़ी मिली तो इसकी निगरानी जांच एवं विशेष ऑडिट का प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा।
इस तरह लगाया सरकारी राशि को चूना : ग्रामीण विकास विभाग को गिरिडीह जिले में 14वें वित्त आयोग की राशि से सामग्री खरीदारी एवं योजनाओं के क्रियान्वयन में गड़बड़ी कई शिकायतें मिली थी। विभाग ने जब प्रारंभिक जांच कराया तो आरोपों को सही पाया।
-डेढ़ लाख रुपये से अधिक मूल्य की सामग्री एक कोटेशन से खरीदा गया जबकि इसके लिए टेंडर निकालना जरूरी था। टेंडर से बचने के लिए समान प्रकृति के खरीदारी को अनेक भागों में बांटकर कोटेशन से खरीदारी की गई। जिले के एक प्रखंड में तो अधिकांश पंचायतों में सामग्री की आपूर्ति एवं जल मीनार का निर्माण एक ही कंपनी ने किया है।
-जल मीनार तथा पेवर्स ब्लॉक सड़क निर्माण योजना में एकरारनामा लाभुक समिति से किया गया जबकि वास्तव में योजना का क्रियान्वयन वेंडर से कराया गया। वेंडर को अधिक राशि का भुगतान किया गया। जीएसटी नंबर का भी दुरूपयोग किया गया। मास्टर रोल भी नहीं बनाया गया। कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता ने मापी पुस्तिका में लापरवाही की गई।
-स्ट्रीट लाइट की खरीदारी ईईएसएल के बदले स्थानीय विक्रेताओं से खरीदी गई। इसमें बड़ी राशि खर्च की गई।