गिरीडीह। बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है ग्रामीण क्षेत्र में केंद्र कब खुलता और कब बंद होता है इसका पता भी लोगों को नहीं चल पाता है या कहना गलत नहीं है कि केंद्र का संचालन कागजों पर ही किया जा रहा है।वहीं ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों को मिलने वाला पोषाहार सेविका और सहायिका घर पर ही रखती है कहा की यह अधिकारी, पदाधिकारी के मिली भगत से सेविका सहायिका मालामाल हो रहे है आखिर इतने दिनो से बंद पड़े आंगनबाड़ी केंद्र को लेकर स्थानीय मुखिया या समाज सेवी क्यों नही संज्ञान में लेते हैं बच्चो को खाने की सामग्री कितना मिलता है या किन्ही को जानकारी नहीं है नाहीं बच्चों के बीच कभी बांटा गया है यहां की स्थिति देखकर कहीं से भी नहीं लग रहा है कि यहां आंगनवाड़ी केंद्र संचालित होता है। जमुआ प्रखंड के चुंगलो की केंद्र के बाहर चापानल की स्थिति कुछ बदमाशों द्वारा जर्जर कर दिया गया है नल का पानी रोड होकर जाती है जहां कई सैकड़ों ग्रामीण दिनभर आना-जाना करते हैं वही दरवाजे पर हमेशा ताला लटका रहता है आसपास पड़ोस के ग्रामीणों ने बताया कि लगभग आंगनबाड़ी केंद्र बंद ही रहता है स्थानीय ग्रामीणों का कहना है यदि इस पर किसी भी तरह से पहल नही हुई तो हमलोग धरने पर बैठने से बाध्य होंगे।